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वैन-बस वालों ने 3 किमी का किराया किया 900 से 1200 रु, आरटीओ बोले- हम सिर्फ फिटनेस देखते हैं

भोपाल: तीन बार बनाई कमेटी, 12 साल से सर्कुलर जारी, फिर भी स्कूल बस-वैन किराए पर नियंत्रण नहीं।शहर में 6000 से ज्यादा स्कूल बस और वैन बच्चों का परिवहन कर रही हैं। इनका संचालन दो साल बाद शुरू हुआ है। अब इनका किराया बढ़कर तीन गुना हो गया है। दो साल पहले तक 3 किमी दूरी के लिए जहां 300 रुपए प्रति बच्चा चार्ज ले रहे थे, अब 700 से 900 रुपए लिए जा रहे हैं। इतना किराया होने के बाद भी बस-वैन के भीतर कैमरे, पैनिक बटन जैसे फेसिलिटी नहीं है।बच्चों की सुरक्षा का भी कोई इंतजाम नहीं है। अधिकांश वैन का इंश्योरेंस, फिटनेस से लेकर माॅनिटरिंग तक नहीं है। इसे लेकर मप्र बाल संरक्षण आयोग तीन बार कमेटी बना चुका है। कई बार दिशा-निर्देश भी दे चुका है। इसके बाद भी आरटीओ की तरफ से नियमित जांच नहीं की जाती है।आरटीओ का कहना है कि वे स्कूलों में चलने वाली वैन व बसों के फिटनेस को जांचते हैं, लेकिन किराया निर्धारण उनका काम नहीं है। वैन एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव कुमार सोनी का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के कारण किराया बढ़ाया है।6000 से ज्यादा स्कूल बस और वैन बच्चों को लाती-ले जाती हैंसेंट जोसेफ अरेरा कॉलोनीस्कूल के बाहर वैन, मिनी बस और मैजिक से बच्चों का परिवहन हो रहा है। 7 सीटर वैन में बारह से पंद्रह बच्चे बैठाते हैं। कोहेफिजा से स्कूल तक का चार्ज तीन हजार रुपए लेते हैं।ओल्ड कैंपियन स्कूल7 सीटर वैन में 15 से अधिक बच्चों को बैठाते हैं। 3 किमी की दूरी से बच्चे को लाने के लिए किराया 900 से 1000 रुपए तक वसूला जाता है।जवाहर स्कूल भेलयहां भी वैन का किराया बढ़ा दिया गया है। साकेत नगर से बच्चों को लाने- ले जाने के लिए 1800 रुपए तक लेते हैं। यहां पर भी वैन मंे क्षमता से अधिक बच्चों का बैठाते हैं।सबसे अधिक किराया जहांगीराबाद में लिया जाता हैपड़ताल में पता चला कि जहांगीराबाद में सीबीएसई स्कूल में 4 किमी की दूरी के लिए 1500 से 1800 रुपए लिए जा रहे हैं। गोविंदपुरा में 2 किमी की दूरी के लिए 1000 से 1200 रुपए और अशोका गार्डन में 3 किमी दूरी के लिए 1200 से 1400 रुपए लेते हैं।ये भी दिक्कतें पता चलींस्कूल के बाहर खड़ी वैन मे 12 से 15 बच्चों को बैठाया जाता है।70% वैन में पैनिक बटन, कैमरे नहीं।जिन वैन में सीएनजी या एलपीजी लगी, उनमें इसकी जानकारी नहीं है।पॉल्यूशन की जांच का पीसीयू कार्ड नहीं।अभिभावकों की तरफ से ऐसी शिकायत नहीं मिली है, लेकिन कोई शिकायत करता है तो हम संबंधित विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई करेंगे।-नितिन सक्सेना, डीईओ, भोपालहम वैन और बसों का किराया तय नहीं करते, लेकिन शिकायत मिलने पर फिटनेस, इंश्योरेंस आदि की जांच की जाती है। -संजय तिवारी, आरटीओ, भोपालहम तीन बार लिख चुके हैं कि वैन और स्कूल बसों का निरीक्षण स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों को करना चाहिए।

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