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जब FATF की बैठक से पहले पाकिस्तान ने भी माना था कि दाऊद है उनके देश का नागरिक

नई दिल्ली। भारत ने कई बार पाकिस्तान को दाऊद इब्राहिम को सौंपने के लिए कहा लेकिन पड़ोसी मुल्क इस बात से इन्कार करता रहा है कि उसने दाऊद इब्राहिम को पनाह दी है। पिछले दिनों में पाकिस्तानी सरकार के एक दस्तावेज ने दाऊद इब्राहिम के वहां होने का खुलासा किया था। यह दस्तावेज पाकिस्तान द्वारा स्वीकृत 88 आतंकवादियों की सूची से संबंधित था। दस्तावेज में उसका पता व्हाइट हाउस कराची बताया गया था। अक्टूबर में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक से पहले यह मामला सामने आया था।

वहीं, अब पाकिस्तान एफएटीएफ के जाल में पूरी तरह से फंस चुका है। अगर उसे फाइनेंसिएल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की निगरानी सूची से बाहर निकलना है तो भारत में आतंकी वारदात को अंजाम देने वाले आतंकियों जैसे दाउद इब्राहिम, जकी-उर-रहमान लखवी, जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर और लश्कर सरगना हाफिज सईद और इनके सहयोगियों के समूचे अर्थ तंत्र को खत्म करना होगा और इसके सबूत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सामने रखने होंगे।

आतंकी फंडिंग रोकने व गैर कानूनी तरीके से नकदी हस्तांतरण पर लगाम लगाने के लिए गठित एफएटीएफ ने कहा था कि पाकिस्तान अभी निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में बना रहेगा। इससे बाहर निकलने के लिए इमरान खान सरकार को फरवरी, 2021 तक छह महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देना होगा। इन छह कार्यों में यह भी शामिल है कि पाकिस्तान हर तरह की आतंकी फंडिंग पर रोक लगाने की पुख्ता व्यवस्था करे।

बता दें कि मसूद अजहर, हाफिज सईद, जकी उर रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम पर भारत में बम धमाकों और आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं। हाल ही में इन चारों को संयुक्त राष्ट्र के तहत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी ने 2008 के मुंबई में आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है और उसपर 10 मिलियन अमरीकी डॉलर का इनाम भी रखा है। इसी साल मई में संयुक्त राष्ट्र ने अजहर मसूद को भी वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था।

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