हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, DGP पद पर बरकरार रहेंगे दिनकर गुप्ता

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने डी.जी.पी. पंजाब दिनकर गुप्ता , पंजाब सरकार और यू पी.एस.सी. के हक में बड़ा फ़ैसला सुनाते हुए डी.जी.पी.की नियुक्ति को जायज ठहराया है। इसलिए वह डी.जी.पी. के पद पर बने रहेंगे। इस संबंधित बातचीत करते पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने कहा कि इस मामले संबंधित पंजाब सरकार, यू.पी.एस.सी. और दिनकर गुप्ता की तरफ से दायर 6 याचिका परवान की गई हैं। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस जसवंत सिंह और जस्टिस संत प्रकाश पर आधारित एक बैंच ने आज इस मामले में अपना फ़ैसला सुनाया जिसके साथ गुप्ता और पंजाब सरकार को बड़ी राहत मिली है।
बता दें कि पंजाब की एंटी ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स के डी.जी.पी. मोहम्मद मुस्तफा और पी.एस.पी.सी.एल. के डी.जी.पी. (1986 बैच के अधिकारी) सिद्धार्थ चटोपाध्याय ने पुलिस महानिदेशक पद के लिए नियुक्त किए गए दिनकर गुप्ता को कैट में चुनौती दी थी। याचिका में अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा था कि वह नियुक्त किए गए डी.जी.पी. से वरिष्ठ हैं। उनसे पहले उनको डी.जी.पी. बनने का अधिकार है। डी.जी.पी. पद के मुख्य दावेदार मुस्तफा ने कहा था कि मापदंड पूरे करने के बावजूद उन्हें पद के लिए नजरअंदाज कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि 1987 बैच के आई.पी.एस. अधिकारी गुप्ता को सुरेश अरोड़ा के कार्यकाल खत्म होने पर पंजाब का डी.जी.पी. बनाया गया था। अपने पिछले कार्यकाल में, गुप्ता को पुलिस महानिदेशक, इंटेलिजेंस, पंजाब के पद पर नियुक्त किया गया था। इसमें पंजाब स्टेट इंटेलिजेंस विंग, राज्य आतंकवाद-रोधी दस्ते और संगठित अपराध नियंत्रण इकाई की प्रत्यक्ष निगरानी शामिल थी। उन्होंने पंजाब में आतंकवाद के दौर के दौरान 7 साल से अधिक समय तक लुधियाना, जालंधर और होशियारपुर जिलों में एस.एस.पी. के तौर पर कार्य किया था। उन्होंने 2004 तक डी.आई.जी जालंधर रेंज , लुधियाना रेंज , काउंटर-इंटेलिजेंस आदि पदों पर भी काम किया है।






