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मुख्यमंत्री ने सिद्धू के साथ कयासबाजियों को किया खारिज, हरीश रावत के प्रयास से मिटी दूरियां

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ दोपहर भोज पर पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने उबली सब्जियां खाईं और क्रिकेट के कई किस्से सांझा किए। यह कहना है मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का। दोपहर भोज के बाद राजनीतिक गलियारों में कयासों का बाजार गर्म होने पर वीरवार को स्पष्टीकरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू के साथ दोपहर भोज दौरान पंजाब या भारत या विश्व संबंधी कोई योजना नहीं बनाई गई।

सिर्फ कुछ साधारण बातें हुईं, जिसमें सिद्धू ने क्रिकेट संबंधी तजुर्बे साझा किए। अफसोस की बात है कि दोपहर भोज पर बैठक को राई का पहाड़ बना दिया गया। एक घंटे से ज्यादा वक्त तक हुई मुलाकात काफी गर्मजोशी और खुशमिजाज माहौल वाली रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक सिद्धू द्वारा मुलाकात को लेकर दिलचस्पी दिखाए जाने के बाद बुलाई गई थी। वह मुलाकात से संतुष्ट और खुश हैं और इसी तरह सिद्धू भी हैं। मीडिया में सिद्धू को जिम्मेदारी देने की जो बातें कही जा रही हैं, ऐसा कुछ नहीं है। बताया गया कि सिद्धू के पिता कांग्रेसी थे और इनकी माता शिव भक्त थी। सिद्धू भी शिव भक्त हैं और आज भी जमीन पर सोते हैं।

‘सिद्धू ने ट्वीट कर किसानों के हक में आवाज की बुलंद’
बैठक के बाद कयासबाजियों ने पंजाब कांग्रेस के स्तर पर नई हलचल पैदा कर दी है। बताया जा रहा है कि बैठक में मुख्यमंत्री ने सिद्धू को मंत्रिमंडल में दोबारा वापसी का न्यौता दिया था लेकिन सिद्धू ने पत्ते नहीं खोले। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो सिद्धू मंत्रिमंडल में दोबारा वापसी करते हैं तो तय है कि अपनी शर्तों पर करेंगे। यह वापसी भी तभी मुमकिन है, जब उन्हें उन सहयोगियों की हामी मिलेगी, जो इस्तीफा देने के बाद से उनके साथ चट्टान की तरह खड़े रहे। इन सहयोगियों में कांग्रेस के कई ऐसे चेहरे भी हैं, जो मुख्यमंत्री को गाहे-बगाहे घेरते रहे हैं। मुख्यमंत्री के शहर पटियाला से भी कई कांग्रेसी सिद्धू की पत्नी के सुर में सुर मिलाते रहे हैं। मुख्यमंत्री के साथ बैठक पर प्रतिक्रिया देने की बजाय सिद्धू ने वीरवार को एक बार फिर किसानों के हक में आवाज बुलंद करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि हुकूमत से जीतने की जद्दोजहद तभी करता है कोई किसान, जब उसने अपनी जिंदगी दांव पर लगा रखी हो।

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