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भारत का नाम रोशन करने वाली कल्पना की वापसी का इंतजार कभी नहीं हुआ खत्म

नई दिल्ली। एक फरवरी 2003 का दिन देश और दुनिया के लिए बहुत बड़ी क्षति का दिन था। एक फरवरी को अंतरिक्ष परी कल्पना चावला अंतरिक्ष में ही रह गई। सभी लोग पलके बिछाए उनके वापस आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन तभी हुई एक अनहोनी जिंदगी भर के गम दे गई। आज भी लोग इस दिन को भूल नहीं पाए हैं। बताया जाता है कि स्कूल में लाइव प्रसारण के जरिए सैकड़ों की तादाद में बच्चे और शिक्षक अपनी कल्पना को साकार होता देखना चाह रहे थे। लाइव प्रसारण चालू हुआ और सब सही चल रहा था, लेकिन तभी प्रसारण बंद हो गया और मालूम हुआ कि कल्पना चावला का शटलयान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे ने हरियाणा राज्य के करनाल जिले की कल्पना को छीन लिया।

कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को करनाल में हुआ था। वह चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। साल 1988 में कल्पना चावला ने नासा ज्वॉइन किया था। कल्पना चावला ने 19 नवंबर 1997 को अपना पहला अंतरिक्ष मिशन शुरू किया था। तब उनकी उम्र महज 35 साल थी। उन्होंने 6 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेस शटल कोलंबिया STS-87 से उड़ान भरी। अपने पहले मिशन के दौरान कल्पना ने 1.04 करोड़ मील सफर तय करते हुए करीब 372 घंटे अंतरिक्ष में बिताए थे।

इसके बाद 41 की उम्र में अपनी दूसरी यात्रा को अंजाम देने जा रही कल्पना कभी वापस नहीं लौटी। 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष इतिहास के सबसे मनहूस दिनों में माना जाता है। यही वो दिन था जब भारत की बेटी कल्पना चावला अपने 6 अन्य साथियों के साथ अंतरिक्ष से धरती पर लौट रहीं थीं। उनका अंतरिक्ष यान कोलंबिया शटल STS-107 धरती से करीब दो लाख फीट की ऊंचाई पर था। इसकी रफ्तार करीब 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटा थी। अगले 16 मिनट में उनका यान अमेरिका के टैक्सस शहर में उतरने वाला था। पता लगा कि तभी इसका संपर्क नासा से टूट गया है।

इसपर ज्यादा दिमाग लगाया जाता इतने में पता लगा कि अंतरिक्ष यान का मलबा टैक्सस के डैलस इलाके में लगभग 160 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैल गया। इस हादसे में कल्पना चावला सहित सातों अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई। बता दें कि कल्पना अमेरिकी नागरिक बन गई थी। एम.टेक की पढ़ाई के दौरान ही कल्पना को जीन-पियरे हैरिसन से प्यार हो गया था। बाद में दोनों ने शादी भी कर ली। इसी दौरान उन्हें 1991 में अमेरिका की नागरिकता भी मिल गई।

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