अयोध्या: रामचरित मानस के काव्य का अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद कर उन्हें प्रवासी देशों में उपलब्ध कराया जाएगाअयोध्या शोध संस्थान ने ट्रिनिडाड एवं टोबैगो के साथ मिलकर एक अनोखा प्रयोग करने की योजना बनाई है।रामचरित मानस के काव्य का अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद कर उन्हें शास्त्रीय/उप शास्त्रीय सुर लय एवं ताल में प्रवासी देशों में उपलब्ध कराया जाएगा।धर्मार्थ कार्य विभाग उत्तर प्रदेश ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी हैlअनुमति मिलते ही इस पर काम आरंभ हो जाएगाअयोध्या शोध संस्थान के निदेशक लवकुश द्विवेदी ने बताया कि इस योजना पर काम शुरू हो गया हैl ट्रिनिडाड एवं टोबैगो को प्रस्ताव भेजा गया हैl इसकी अनुमति मिलते ही इस पर काम आरंभ हो जाएगाl अयोध्या की संस्कृति को विदेशों तक पहुंचाने के संस्थान के अनेक प्रयासों में भी यह एक हैlअयोध्या शोध संस्थान में रामलीला का भावपूर्ण सीनरामलीला सहित अन्य माध्यमों से यहां की संस्कृति विदेशों में पहुंचाई जा रही हैबताते चले कि अयोध्या शोध संस्थान भगवान श्रीराम एवं अयोध्या की संस्कृति को लेकर भारत सहित विश्व के कई देशों में रिसर्च कर रहा हैl जहां एक ओर विदेशों में श्रीराम संस्कृति को मुखौटे एवं अन्य माध्यमों से यहां के लोगों को परिचित कराया जा रहा है वहीं रामलीला सहित अन्य माध्यमों से यहां की संस्कृति विदेशों में पहुंचाई जा रही हैlअयोध्या शोध संस्थान की ओर से गत वर्ष राम की पैड़ी पर पखावज महोत्सव का आयोजन किया गयाश्रीराम संस्कृति का यह प्रसार विश्व के कल्याण का महत्वपूर्ण साधन-महंत मिथिलेश नंदिनी शरणहनुमत निवास के महंत डाक्टर मिथिलेश नंदिनी शरण ने अयोध्या शोध संस्थान के प्रयासों की सराहना की हैl उन्होंने कहा कि अयोध्या विश्व की सबसे प्राचीन नगरी है जिसकी संस्कृति को संस्थान पूरे विश्व में प्रसारित कर रहा हैl श्रीराम संस्कृति का यह प्रसार विश्व के कल्याण का महत्वपूर्ण साधन हैl
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