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गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय की सुरक्षा के नाम पर गबन, जुर्म दर्ज

बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में सुरक्षाकर्मियों के नाम पर भविष्य निधि, राज्य स्वस्थ्य बीमा व एडवांस के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। सुरक्षाकर्मी की शिकायत पर पुलिस ने निजी सुरक्षा कंपनी के संचालक के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है। कोनी पुलिस अब मामले की जांच में जुट गई है।

मुंगेली जिले के जरहागांव क्षेत्र अंतर्गत बिरगहनी निवासी संजय कुमार पाटले ने अपनी शिकायत में बताया कि वह 2016 से विश्वविद्यालय में सुरक्षाकर्मी का काम कर रहा है। सुरक्षा का ठेका विश्वविद्यालय की ओर से आइडिया इंक मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। कंपनी की ओर से उन्हें 10 हजार 500 मासिक वेतन बैंक खाते के माध्यम से दिया जाता है। वही भविष्य निधि व स्वास्थ्य बीमा की कटौती कभी-कभी होती है। कई बार यह कटौती नहीं भी होती।
कंपनी में उनके साथ 300 अन्य युवक भी काम करते हैं। कंपनी की ओर से उन्हें नियुक्ति पत्र व मासिक वेतन पर्ची भी नहीं दिया जाता है। संजय पाटले व उनके साथियों ने इसकी शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन व कंपनी के संचालकों से की थी। इसी बीच कंपनी में नए संचालक अनिल कुमार बघेल की नियुक्ति की गई। सुरक्षाकर्मी संजय व उसके साथी वेतन व अन्य समस्याओं को लेकर नए संचालक अनिल कुमार से मिले। इस पर नए संचालक ने उन्हें बताया कि उनके नाम पर हजारों रुपए एडवांस लिए गए हैं।
साथ ही उनके वेतन से पीएफ की राशि भी नियमित रूप से काटी जा रहे हैं। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों को यह भी पता चला कि भविष्य निधि व ईएसआईसी की राशि में भी घोटाला किया गया है। नए संचालक ने उनके नाम पर निकाले गए अग्रिम राशि का रजिस्टर भी दिखाया। जिसमें सुरक्षाकर्मियों के फर्जी हस्ताक्षर थे। संजय ने इसकी शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन से की। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं करने पर उन्होंने कोनी थाने में शिकायत की। सुरक्षाकर्मी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित निदेशक मानव पाल व मनोज मिश्रा के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है।

कर्मचारियों का साथ देने पर ने संचालक को भी निकाला
सुरक्षाकर्मी संजयपाटले ने बताया कि संचालक अनिल कुमार बघेल उनका साथ देने लगे थे। इसे कारण फर्जी दस्तावेज तैयार कर संचालक अनिल कुमार बघेल को काम से निकाल दिया गया। अनिल कुमार बघेल ने सुरक्षाकर्मियों को बताया कि फर्जी दस्तावेज के सहारे उन्हें नौकरी से निकाला गया है। उन्होंने कभी इस्तीफा नहीं दिया है।

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