पढ़ाई के दबाव में घर से भागे भाई-बहन, दो दिन बाद इस हालत में मिले

रायपुर। पढ़ाई के दबाव में गुरुवार को तेलीबांधा से सगे भाई-बहन घर से भाग गए थे। दोनों पूरी रात शहर में भटकते रहे, लेकिन घर नहीं गए। शुक्रवार को रायपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक पांच पर घूमते इन बच्चों पर आरपीएफ के जवान की नजर पड़ी।
जवान ने दोनों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि पढ़ाई के लिए अक्सर घर में डांट पड़ती है, इसलिए वे भाग निकले और यहां पहुंच गए। आरपीएफ ने बच्चों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया। आरपीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक 10 वर्षीय नेहा (परिवर्तित नाम) और नौ साल का राजेश शुक्रवार को स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक पांच पर घूम रहे थे। यहां आरक्षक जल सिंह ड्यूटी पर थे।
बच्चों के साथ कोई नहीं था। वे चुपचाप थे और काफी देर से भटक रहे थे। इस पर आरक्षक को संदेह हुआ। वह दोनों को रायपुर आरपीएफ थाने ले गया। वहां पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वे तेलीबांधा में रहते हैं। गुरुवार को शाम चार बजे बैग लेकर ट्यूशन जाने के लिए निकले, लेकिन ट्यूशन न जाकर भागने का मन बना लिया।
बिना किसी को बताए वे भाग निकले। रात भर इधर-उधर भटकते रहे। शुक्रवार को भटकते-भटकते स्टेशन पहुंच गए। इस पर आरपीएफ ने तेलीबांधा पुलिस को इसकी सूचना दी। इस पर तेलीबांधा थाने के उपनिरीक्षक रामस्वरूप देवांगन अपने स्टाफ के साथ एफआइआर की प्रति और परिजनों को लेकर रायपुर आरपीएफ थाने पहुंचे।
पुलिस ने बताया कि बच्चों के पिता ने तेलीबांधा थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है। बच्चों ने माता-पिता की पहचान की फिर उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया। बच्चे मिलने पर परिजनों ने आरपीएफ की सराहना की है।
माता-पिता करते हैं प्राइवेट नौकरी
नेहा के पिता ने बताया कि वे पति -पत्नी प्राइवेट नौकरी करते हैं। पत्नी दोपहर दो बजे घर पर लंच करने गई थी तो दोनों बच्चे स्कूल से आए थे। लंच करने के बाद पत्नी ऑफिस चली आई और शाम को छह बजे घर पहुंची तो दोनों नहीं थे। पड़ोसियों से पूछने पर पता चला कि दोनों 15-20 मिनट पहले घर पर थे। उन्होंने कहा-पढ़ाई के लिए दबाव नहीं बनाया जाता, लेकिन स्कूल में कुछ हुआ तो नहीं बता सकता। फिलहाल उन्होंने बच्चों से कोई पूछताछ नहीं की है।
ट्यूशन के प्रेशर से बाहर निकलना चाहते हैं बच्चे
पं. रविशंकर विश्वविद्यालय की मनोविज्ञानी डॉ. प्रियंबदा श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चे ट्यूशन के प्रेशर से बाहर निकलना चाहते हैं। इस दबाव से बच्चों को दूर रखना चाहिए। दूसरों की तरह घूमने-फिरने का उनका भी मन करता है। बच्चों की मनोस्थिति पर यह भी असर करता है कि पालकों का बच्चों के साथ व्यवहार कैसा है, मां-बाप कितना क्वालिटी टाइम दे रहे हैं।
– भाई-बहन घर से भागकर स्टेशन पहुंच गए थे। दोनों गुरुवार को अपने घर से भागे थे। उनको उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। ऐसा पता चला है कि पढ़ाई के दबाव में दोनों घर से भागे थे। – दिवाकर मिश्रा, थाना प्रभारी, रायपुर आरपीएफ