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सावधान! नौकरी के या मोबाइल टावर के फर्जी विज्ञापनों के झांसे में न आएं…

नई दिल्ली: आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसनेे एयरपोर्ट के अंदर नौकरी दिलाने के नाम पर देश भर के करीब 1 हजार लोगों से करीब 2.5 करोड़ की ठगी की है। दोनों ने यह ठगी अपने लिए आलीशान घर बनवाने के लिए की। पुलिस ने गिरोह के सरगना मामा-भांजा व 4 लड़कियोंं सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने देश के विभिन्न शहरों के अखबारों में विज्ञापन जारी किया था, जिसमें एयरपोर्ट पर विभिन्न पदों, जिसका न्यूनतम वेतनमान 19 हजार व अधिकतम वेतनमान 75 हजार तक हो सकता है।

गिरफ्तार लोगों में मामा चंद्रशेखर व भांजा जितेंद्र आर्या, एक कॉल सेंटर संचालक बलदेव व वहां काम करने वाली चार महिलाएं शामिल हैं। तत्काल पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से सात ठगी के मामलों को सुलझा लिया है। इनके पास से पुलिस को ठगे गए रुपयों में से 2.92 लाख नकदी, खातों में जमा 35.52 रुपए, ठगी में उपयोग लैपटॉप, 8 मोबाइल फोन, डोंगल आदि जब्त किए हैं। डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि 17 जुलाई को यूपी के रहने वाले युवक ने थाने में शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि लखनऊ के एक अखबार में एयरपोर्ट पर नौकरी का विज्ञापन देख विज्ञापन में दिए गए नंबर पर फोन किया था। इसके बाद अलग-अलग नंबरों से फोन कर अपने को एरपोर्ट अधिकारी बता उससे करीब 50 हजार ठग लिए।

शिकायत पर मामला दर्ज कर एसीपी अभिषेक गुप्ता के नेतृत्व में एसआई संदीप मलिक, देवेंद्र, कांस्टेबल प्रदीप, महिला कांस्टेबल मंजू की टीम ने जांच शुरू की। इस दौरान टीम ने पीड़ित को फोन किए गए नंबरों को ट्रैक करने के साथ ही उन खातों की जांच शुरू की जिसमें रुपए ट्रांसफर करवाए गए थे। जांच में पता चला कि खातों में जमा रुपयों को एटीएम से निकाले गए हैं। टीम ने उन एटीएम में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर आरोपी की पहचान कर मामा चंद्रशेखर को दबोच लिया। पूछताछ करने पर उसने स्वीकार किया कि उसने अपने भांजे जितेंद्र मिलकर गिरोह तैयार किया था। उसी की निशानदेही पर पुलिस टीम ने अन्य को भी गिरफ्तार कर लिया।

चंद्रशेखर ने बताया कि वह अपने लिए एक आलीशान घर बनवाना चाहता था। इसके लिए उसने एक साल पहले अपने भांजे जितेंद्र जिसने डीयू से कॉमर्स में ग्रेजुएशन कर रखा है और साथी बलदेव जोकि कॉल सेंटर चलाता है, उसके साथ मिलकर एक फर्जी जॉब कॉल सेंटर शुरू किया था। इसके लिए उसने चार लड़कियों को नौकरी पर रखा था। एक साल में उन लोगों ने करीब 20 हजार लोगों से संपर्क किया था, जिनमें से करीब 1 हजार लोग उनके झांसे में आ गए। उन से उन लोगों ने बिना किसी इंटरव्यू या परीक्षा के एयरपोर्ट पर मोटे वेतनमान पर नौकरी देने का झांसा दिया। इसके लिए उन सभी से रजिस्ट्रेशन व दो लाख के बीमा प्रीमियम नाम पर 40 से 50 हजार रुपए तक ठगे थे। वह युवाओं से बैंक खातों में रुपए मंगवाते थे, जमा हुए रुपयों को एटीएम से निकाल लिया करते थे।

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