चंडीगढ़: चंडीगढ़ सेक्टर 16 के गवर्नमेंट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल(GMSH-16) में PGI द्वारा ब्लैकलिस्ट की गई फर्म को टेंडर अलॉट करने की प्रक्रिया को चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में चुनौती दी गई है। मामले में सिविल जज जसप्रीत सिंह मिन्हास की कोर्ट ने चंडीगढ़ की डायरेक्टर, हेल्थ सर्विसिज(DHS) से मामले में जवाब मांगा है। GMSH-16 में लंबे समय से केमिस्ट की शॉप चला रहे दुकानदार ने अर्जी दायर कर यह सवाल उठाया है। DHS को 29 नवंबर तक जवाब पेश करने को कहा गया है।GMSH-16 में केमिस्ट शॉप चला रहे दुकानदार सुनील कुमार ने अर्जी में मांग की है कि DHS को आदेश दिए जाए कि क्यों 12 सितंबर को जारी ई-टेंडर की आवश्यक शर्तों की उल्लंघना की गई है। कहा गया है कि यह जानते हुए गर्ग फार्मेसी को शॉप नंबर 7 प्राप्त करने की मंजूरी दी गई कि PGI ने इसी वर्ष इस फर्म को 3 नवंबर को ब्लैकलिस्ट किया था।अर्जीकर्ता ने कहा है कि चंडीगढ़ हेल्थ विभाग ने चालाकी से अर्जीकर्ता के खिलाफ साजिश रचते हुए संबंधित फर्म को दुकान अलॉट करने के लिए साजिश रची। इसे ई-टेंडर के नियम और शर्तों की साफ रुप से उल्लंघना बताया गया है।हॉस्पिटल में कई सालों से सुनील कुमार केमिस्ट शॉप चला रहे थे।(फाइल)हाल ही में दुकान की लीज़ खत्म की गई थीबता दें कि हाल ही में चंडीगढ़ के हेल्थ विभाग ने अर्जीकर्ता सुनील कुमार द्वारा सेक्टर 16 हॉस्पिटल में चलाने वाली केमिस्ट शॉप की कई साल पुरानी लीज को खत्म कर दिया था। बीते 29 सालों से हॉस्पिटल में वह केमिस्ट की दुकान चला रहे थे। वर्ष 1993 में सिर्फ 2 सालों के लिए उन्हें केमिस्ट शॉप अलॉट हुई थी। वर्ष 1995 के बाद से दोबारा टेंडर नहीं निकाला गया और प्रत्येक 5 वर्ष में लीज को आगे बढ़ा दिया जाता था। अप्रैल, 2020 की फाइनेंस विभाग की नोटिफिकेशन के आधार पर लीज बढ़ाई जा रही थी।हालांकि बीते 28 सितंबर को नोटिफिकेशन वापस ले ली गई थी। जिसके बाद 30 सितंबर को केमिस्ट शॉप को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। प्रशासन का यह भी कहना था कि दुकान द्वारा घेरी गई जमीन औ जगह के हिसाब से सुनील कुमार काफी कम किराया दे रहा था। इससे प्रशासन को करोड़ों का नुकसान हुआ। दुकान खाली करने के आदेश के खिलाफ सुनील कुमार डिस्ट्रिक्ट कोर्ट चला गया था जहां उसे स्टे मिल गया।
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