ब्रेकिंग
AIMIM का बिहार में बढ़ता दखल! विधानसभा चुनाव के लिए जारी की एक और लिस्ट, अब तक उतारे गए इतने उम्मीदव... मोहन भागवत का बड़ा बयान: 'दुनिया विनाश की तरफ जा रही है', बोले- 'मगर समाधान का रास्ता सिर्फ हमारे पा... कर्तव्य पथ पर दिखा अलौकिक दृश्य! दीपों की रोशनी से जगमग हुआ पूरा इलाका, CM रेखा गुप्ता बोलीं- 'यह आस... JNU में छात्रों पर लाठीचार्ज? प्रदर्शन के बाद अध्यक्ष समेत 6 छात्रों के खिलाफ FIR, लगे हाथापाई और अभ... लापरवाही की हद! नसबंदी कराने आई 4 बच्चों की मां को डॉक्टर ने लगाया इंजेक्शन, कुछ ही देर में हो गई मौ... निकाह के 48 घंटे बाद ही मौत का रहस्य! सऊदी से लौटे युवक की लटकी लाश मिली, परिजनों का सीधा आरोप- 'यह ... साध्वी प्रज्ञा के विवादित बोल: लव जिहाद पर भड़कीं, बोलीं- 'बेटी को समझाओ, न माने तो टांगें तोड़कर घर... दिवाली पर किसानों की हुई 'धनवर्षा'! CM मोहन यादव ने बटन दबाकर ट्रांसफर किए ₹265 करोड़ रुपये, बंपर सौ... नॉनवेज बिरयानी पर खून-खराबा! ऑर्डर में गलती होने पर रेस्टोरेंट मालिक को मारी गोली, मौके पर मौत से हड... विवादित बोल पर पलटे गिरिराज सिंह? 'नमक हराम' बयान पर सफाई में बोले- 'जो सरकार का उपकार नहीं मानते, म...
देश

कोरोना के बीच दिवाली से पहले बेहद खराब हुई दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा

नई दिल्ली:  दिवाली का त्योहार आने से पहले जहां कोरोना का कहर जारी हैं वहीं  दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा बेहद खराब हो गई है।  वायु गुणवत्ता सूची दिल्ली का 302वां स्थान है। शोध के अनुसार, पीएम 2.5 में तकरीबन 8 फीसदी कार्बन उत्सर्जन धान की फसलों के अवशेष को जलाने से होता है।

वहीं भारतीय मौसम विभाग ने नवंबर के शुरूआती दिनों में दिल्ली की एयर क्वालिटी के बेहद खराब रहने की सभावना जताई है। मौसम विभाग ने कहा दिल्ली की एयर क्वलिटी 4 नवंबर तक बेहद खराब रह सकती है। इसके बाद 5 और 6 नवंबर को और भी ज्यादा खराब हो सकती है। आबोहवा में पीएम 2.5 की मात्रा प्रबल होगी। एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार, 0-5 को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 खराब, 3001-400 को बेहद खराब और 4001-500 को गंभीर की श्रेणी में रखा गया है।

खेतों में पराली जलाने से बढ़ रहा है  प्रदूषण
जानकारी के लिए बता दें कि पंजाब में गेहूं की बुबाई के लिए खेतों में पराली जलाई जाती है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलने शुरू हो गई है। पराली जलने से हवा में  दुषित हवा मिलने से सांस लेना कठिन हो जाता है।  पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में सांस के मरीजों को अधिक समस्या का सामना करना पड़ेगा। प्रदूषण से लोगों को आंखों में जलन की भी शिकायत रहती है।

Related Articles

Back to top button