उन्होंने कहा कि जब फुटबॉल का बुखार हम सभी को जकड़ रहा है तो मैं फुटबॉल की शब्दावली में ही आपसे बात क्यों न करूं? फुटबॉल के खेल में जब कोई खिलाड़ी खेल भावना के खिलाफ जाता है तो उसे रेड कार्ड दिखाया जाता है और मैदान से बाहर भेज दिया जाता है। इसी तरह पिछले 8 वर्षों में हमने पूर्वोत्तर के विकास में कई बाधाओं को रेड कार्ड दिखाया है। भ्रष्टाचार भाई भतीजावाद को खत्म करने का काम किया है। हमारे लिए विकास सिर्फ शिलान्यास तक सीमित नहीं रहता जैसे पहले सिर्फ फीते कटते थे और फोटो खींचती थी। काम नहीं होता था हम शिलान्यास भी करते हैं और लोकार्पण भी करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में प्रदान की गई बेहतर हवाई सेवा कृषि उपज के निर्यात में मदद कर रही जिससे किसानों को फायदा हो रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजग सरकार भ्रष्टाचार भेदभाव हिंसा वोट बैंक की राजनीति को खत्म करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वोत्तर को बांटने की कोशिश की जा रही थी लेकिन अब हम इस तरह के प्रयासों को रोक रहे हैं।
नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल की गोल्डन जुबली समारोह में पीएम मोदी के सामने परिषद की 50 वर्षों की यात्रा पर एक लघु फिल्म की स्क्रीनिंग की गई। इस मौके पर पीएम मोदी ने बीते 50 वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में एनईसी के योगदान को उल्लेखित करने वाला स्मारक ग्रंथ ‘गोल्डन फुटप्रिंट्स’ जारी किया। राज्य में 2450 करोड़ रुपए से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने यहां 4 सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी जो मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरेंगी।

मेघालय में टेलीकॉम कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए राज्य को 4जी टावर समर्पित किए जिनमें से 320 से अधिक का काम पूरा हो गया है और करीब 890 निर्माणाधीन है। पीएम मोदी ने उमसावली में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) शिलांग परिसर का उद्घाटन किया। शिलांग के मशरूम विकास केंद्र में एक ‘स्पॉन प्रयोगशाला’ और एक एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र का भी उद्घाटन किया। इसके अलावा मिजोरम मणिपुर त्रिपुरा और असम में 21 हिंदी पुस्तकालयों का भी उद्घाटन उन्होंने शिलांग से ही किया। शिलांग टेक्नोलॉजी पार्क के फेज 2 की आधारशिला भी रखी।

पीएम मोदी ने इस दौरान फीफा विश्व कप का जिक्र करते हुए कहा कि आज इस खेल में कई विदेशी टीमें खेलती दिख रही है। हमारे देश के युवा भी इस खेल में आगे बढ़ते हुए इस खेल में तिरंगा लहराएंगे। उन्होने कहा कि जब हमने केंद्र सरकार की प्राथमिकताएं बदली हैं। उसका सकारात्मक असर पूरे देश भर में देखने को मिल रहा है। इस साल केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर सात लाख करोड़ रुपये खर्च किए है। आठ साल पहले ये राशि दो लाख करोड़ रुपये से भी काफी कम थी। आजादी के बाद सात दशकों तक इलाके के विकास के लिए मात्र दो लाख करोड़ रुपये दिए गए।