येरुशलम। इजराइल ने कहा है कि उसने एक फिलस्तीनी वकील और सामाजिक कार्यकर्ता को रविवार तड़के फ्रांस निर्वासित कर दिया है। इजराइल ने दावा किया है कि उसका प्रतिबंधित उग्रवादी समूह से रिश्ता है। हालांकि फ्रांस की सरकार ने इज़राइली सरकार के कदम पर ऐतराज़ जताया है। सामाजिक कार्यकर्ता सलाह हम्मोरी का निष्कासन पूर्वी येरुशलम में फलस्तनियों की खराब हालत को दर्शाता है।
पूर्वी येरुशलम के इस क्षेत्र पर इज़राइल ने कब्जा कर लिया है और अपने मुल्क से जोड़ लिया है। इसमें रहने वाले फलस्तनियों के पास सिर्फ निवास का अधिकार है। उन्हें नागरिकता हासिल नहीं है। हम्मोरी के निष्कासन से फ्रांस के साथ कूटनीतिक विवाद को खड़ा हो सकता है। फ्रांस ने इज़राइल से कई बार गुजारिश की थी कि वह हम्मोरी को निर्वासित नहीं करे।
इज़राइल के गृहमंत्री आयलेट शेक्ड ने एक वीडियो में कहा मुझे यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि आज इंसाफ कर दिया गया और आतंकवादी सलाह हम्मोरी को इज़राइल से निर्वासित कर दिया गया है। हम्मोरी का जन्म येरुशलम में हुआ था लेकिन उनके पास फ्रांस की नागरिकता है।
इज़राइल का कहना है कि हम्मोरी ‘पॉपुलर फ्रंट फॉर लिबरेशन ऑफ फलस्तीन’ (पीएफएलपी) के कार्यकर्ता हैं। इज़राइल ने इस समूह को प्रतिबंधित किया हुआ है ओर वह उसे आतंकवादी संगठन बताता है।
हम्मोरी ‘अदमीर’ के लिए बतौर वकील काम कर चुके हैं। अदमीर एक ऐसा अधिकारवादी संगठन है जो उन फलस्तीनी कैदियों की मदद करता है जिन्हें इज़राइल ने पीएफएलपी के साथ कथित रिश्तों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। हम्मोरी को एक प्रतिष्ठित यहूदी धर्मगुरु की हत्या की कथित साज़िश रचने के मामले में दोषी ठहराया गया था। वह सात साल तक जेल में बंद रहे थे लेकिन 2011 में हमास के साथ कैदियों की अदला बदली के तहत उन्हें रिहा कर दिया गया था।