लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस के सदस्य गौरव गोगोई ने सरकार पर पेगासस स्पाइवेयर के जरिये नेताओं और पत्रकारों की जासूसी किये जाने का आरोप लगाया। इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर सदस्य के पास तथ्य हों तब उसे पटल पर रखें और इस सदन का इस्तेमाल ‘स्वच्छंद राजनीतिक आरोपों’ के लिए नहीं करें। निचले सदन में नियम 193 के तहत ‘‘देश में मादक पदार्थ दुरुपयोग की समस्या और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाये गये कदम” विषय पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने जल, वायु एवं भू सीमा मार्गों से देश में मानव तस्करी, हथियारों एवं मादक पदार्थो की बढ़ती तस्करी का उल्लेख करते हुए गृह मंत्री ने इस दिशा में रोकथाम एवं बलों को मजबूत बनाने के कदमों की जानकारी देने की मांग की।
गोगोई ने निगरानी व्यवस्था का उल्लेख करते हुए दावा किया, ‘‘ हमारे ऊपर तो जासूसी करते हैं, हमारे मोबाइल पर पेगासस (स्पाईवेयर) लगा देते हैं, पत्रकारों के मोबाइल पर पेगासस लगा देते हैं, लेकिन यह बताएं कि पेगासस द्वारा मादक पदार्थों से जुड़े कितने बड़े माफियाओं की निगरानी की और तस्करों को पकड़ा।” कांग्रेस सांसद की टिप्पणी पर आपत्ति व्यक्त करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘इन्होंने बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं कि इनके मोबाइल पर पेगासस लगा है। इनको इसका आधार सदन में रखना चाहिए। ऐसे नहीं बोल सकते हैं।” शाह ने कहा कि इनके (गोगोई के) पास एक भी आधार हो, किसी नेता का, पत्रकार का और स्वयं का..तो उसे सदन में रखना चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘यह सदन गंभीरता के साथ चर्चा करने के लिए है, स्वच्छंद राजनीतिक आरोपों के लिए नहीं।” उन्होंने कहा कि कोई भी सदस्य कुछ कहता है, तब उसे उसके बारे में सदन में तथ्य रखने की पात्रता होने के बाद बोलना चाहिए। इस दौरान गौरव गोगोई ने कहा कि उनका आग्रह है कि अगर ऐसा नहीं है तब सरकार कह दे कि पेगासस का इस्तेमाल नहीं हुआ है। इस पर अमित शाह ने कहा कि इन्होंने (गोगोई ने) कहा है कि उन पर इस्तेमाल (पेगासस का) हुआ है, ऐसे में वह तथ्य रख दें, बाकी तो इस मामले को उच्चतम न्यायालय ने तय कर दिया है। इस विषय पर गौरव गोगोई ने कहा कि अगर लोकसभा अध्यक्ष को लगता है कि ‘‘मैंने सदन की मर्यादा का उल्लंघन किया है तब आप (अध्यक्ष) निर्देश दें।” इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘इस सदन में हम अपनी बात तथ्यों एवं प्रमाणों के साथ रखें, तब सदन की मर्यादा बढ़ती है।”