देश में स्टार्ट-अप आंदोलन को गति देने और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप 2023 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने एमपी स्टार्ट-अप नीति और कार्यान्वयन योजना 2022 शुरू की है। इससे मध्यप्रदेश के मौजूदा ईकोसिस्टम को और बेहतर बनाने के साथ ही जनता के बीच उद्यमिता और नवाचार की भावना को बढ़ावा दिया जा रहा है। योजना का उद्देश्य स्टार्ट-अप रैंकिंग में राज्य को अग्रणी बनाना है। इसके लिये योजना में स्टार्ट-अप्स और इन्क्यूबेटर्स के लिए सिंगल विंडो एजेंसी स्थापित करते हुए एमपी स्टार्ट-अप सेंटर (एमपीएससी) स्थापित किया गया है। एमपीएससी स्टार्ट-अप्स को मेंटरशिप प्रदान करता है और मंजूरी पाने और पूंजी जुटाने में सहायता करता है। कोई भी स्टार्टअप सीधे उनसे मदद प्राप्त कर सकता है। एमपीएससी कई स्त्रोतों से मार्केट इंटेलीजेंस एकत्र कर ईकोसिस्टम प्लेयर्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराता है। मार्केट इंटेलीजेंस का उपयोग सरकार की गतिविधियों के पुनर्मूल्यांकन के लिए किया जाता है जो राज्य की आगामी नीतियों के लिये उपयोगी साबित होगा।
एमपीएससी ने 2022 में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिये अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। एजेंसी ने 21 स्टार्ट-अप को 20 लाख रूपये और इससे अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की है। इस सहायता का उपयोग नए बाजारों में प्रवेश करने उत्पाद विकास व्यवसायों को बढ़ाने और कई अन्य मामलों के लिए किया जा रहा है। सहायता न केवल मौद्रिक शर्तों पर बल्कि कंपनी की मार्केटिंग एवं प्रमोशन के लिए भी प्रदान की जाती है। एमपीएससी ने उत्पादों/सेवाओं को बढ़ावा देने और नए ग्राहकों को खोजने के लिए कई स्टार्ट-अप को प्रमुख घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने की सुविधा प्रदान की है। एजेंसी स्टार्ट-अप नीति को समग्र रूप से लागू करने पर विचार कर रही है। एमपीएससी द्वारा युवा आबादी को शिक्षित करने के लिए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दो दिवसीय बूट कैंप्स आयोजित करके क्षमता वृद्धि पर विशेष जोर दिया जा रहा है। बूट कैंप में युवा वर्ग को अपनी उद्यमशीलता को साकार करने में सक्षम बनाने के लिए नवीनतम तकनीकी विषयों पर जानकारी दी जाएगी।
राज्य सरकार 5 भारतीय एआईएफ (वैकल्पिक निवेश कोष) में 10 करोड़ रुपये का निवेश करने की भी योजना बना रही है जो राज्य के स्टार्ट-अप में कई गुना निवेश करेगा। राज्य स्टार्ट-अप और इन्क्यूबेटर्स को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित करता है। स्टार्टअप्स को 60 लाख रूपये तक की सहायता दी जाती है। राज्य महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को अतिरिक्त सहायता भी प्रदान करता है। सामान्य प्रोत्साहनों के साथ ही शीर्ष पर उत्पाद आधारित स्टार्ट-अप्स के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
राज्य का दृष्टिकोण स्टार्ट-अप्स की आज की आवश्यकता के अनुरूप है। मध्यप्रदेश कुशल प्रतिभा बड़े आकार के घरेलू उपभोक्ता बाजार और अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे के साथ घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्टार्ट-अप्स के लिए एक विशेष अवसर के रूप में कार्य करता है।
इंदौर में 11 व 12 जनवरी 2023 को होने वाले इन्वेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के दौरान एमपी स्टार्ट-अप इकोसिस्टम पर विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा जिसमें सरकार की नीतियों और योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। निवेशकों वेंचर केपिटल फंड और मीडिया हाउस की उपस्थिति में ए स्टार्ट-अप्स जर्नी – सीड टू यूनिकॉर्न एंड बियॉन्ड विषय पर पैनल डिस्कशन होगा।