ब्रेकिंग
दिल्ली में BJP को झटका, मंदिर प्रकोष्ठ के कई संत AAP में शामिल, केजरीवाल बोले- मैं खुद को बहुत सौभाग... ओडिशा: EMI का पैसा मांगा तो गुस्से में लाल हुआ शख्स, चढ़ा दी कार…कुचलकर 1 की मौत दीदी, आपने मेरा हमेशा साथ दिया है… ममता बनर्जी के समर्थन पर बोले अरविंद केजरीवाल बाहर से कबाड़ी का गोदाम, अंदर 100 मीटर लंबी सुरंग, CCTV का जाल… लूटेरे इंडियन ऑयल के पाइप से ऐसे निक... अलीगढ़: ये मकान बिकाऊ है… प्रधान की दबंगई से परेशान वैश्य समाज के लोग, पलायन को मजबूर ये है ‘गंजों’ वाला गांव, 3 दिन में झड़ जाते हैं सिर के बाल; कौन सा वायरस फैला रहा दहशत? अतुल सुभाष की मां को मिल सकती है पोते की कस्टडी, सुप्रीम कोर्ट ने बताया विकल्प क्या दिल्ली चुनाव में 2003 वाला फैसला लेगी BJP, अब तक 2 बार ही किया ऐसा रामगढ़: बंद के आदेश के बावजूद खोला स्कूल, सड़क हादसे में 3 मासूम छात्रों की मौत… कौन जिम्मेदार? संभल मस्जिद मामला: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिला कोर्ट में चल रहे मुकदमे पर लगाई रोक, सभी पक्षकारों से ...

हाई कोर्ट ने चार लाख 87 हजार 424 रुपये अतिरिक्त मुआवजे का सुनाया आदेश

जबलपुर ।   मैं अधिवक्ता प्रमेंद्र सेन। शासकीय महाविद्यालय, सिहोरा से कला स्नातक व हितकारिणी विधि महाविद्यालय से विधि स्नातक की शिक्षा पूर्ण की। इसी के साथ वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद में अधिवक्ता बतौर पंजीकृत हो गया। वकालत की शुरुआत वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिलोचन सिंह रूपराह के मार्गदर्शन में की। तीन साल बाद स्वतंत्र वकालत करने लगा। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन में कार्यकारिणी सदस्य व पुस्तकालय सचिव निर्वाचित हो चुका हूं। इसके अलावा जय जवान-जय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में आर्थिक रूप से पिछड़े तबके के पक्षकारों को निश्शुल्क विधिक सहायता दिलाने की दिशा में भी सक्रिय हूं।

सतना से आया यादगार मुकदमा :

कुछ वर्ष पूर्व सतना से अंकिता सेन नामक विधवा स्त्री आई। उसके पति इंद्रभान सेन की पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद से परिवार का भरण-पोषण करने की समस्या खड़ी हो गई थी। दरअसल, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने स्व.इंद्रभान को अकुशल श्रमिक के दायरे में रखकर उसकी दैनिक आय 282 रुपये के हिसाब से जोड़ी। इसी के साथ बीमा कंपनी को 14 लाख 12 हजार 320 रुपये मुआवजा राशि का भुगतान करने का आदेश सुना दिया। अंकिता इसे आदेश से संतुष्ट नहीं थी। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका पति भरे-पूरे परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। उसके न रहने पर 14 लाख 12 हजार 320 रुपये में लंबा जीवन गुजारना कठिन था। इसमें से बहुत सारी रकम पहले से सिर पर सवार कर्ज आदि चुकाने में खर्च होने वाले थे। वह अतिरिक्त मुआवजा राशि चाहती थी।

हाई कोर्ट में दायर कर दी अपील :

मैंने अंकिता की ओर से मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट में अपील दायर कर दी। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए लगा। मैंने दलील दी कि अपीलार्थी अंकिता का पति एक सेलून में काम करता था। उसकी दैनिक आय एक हजार से 12 सौ रुपये तक थी। इसलिए वह अकुशल नहीं बल्कि कुशल श्रमिक था। एक दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने उसे अकुशल श्रमिक मानते हुए अपेक्षाकृत कम मुआवजा राशि का भुगतान करने बीमा कंपनी को आदेश दिया। इससे अपीलार्थी की समस्या हल नहीं हुई है। उसे अतिरिक्त मुआवजा राशि अपेक्षित है। वह कानूनन इसकी हकदार भी है। चूंकि मृतक एक कुशल श्रमिक था, इसलिए उसी हिसाब से न्यूनतम आय की गणना होनी चाहिए। साथ ही अतिरिक्त मुआवजे का आदेश सुनाया जाना चाहिए।

हाई कोर्ट ने तर्क से सहमत हाेकर दे दी राहत :

हाई कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर राहतकारी आदेश पारित कर दिया। जिसमें कहा गया कि मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा निर्धारित मुआवजा राशि 14 लाख 12 हजार 320 रुपये में चार लाख 87 हजार 424 रुपये की बढ़ोतरी कर भुगतान सुनिश्चित किया जाए। यह अतिरिक्त राशि मृतक की पत्नी के नाम पर किसी राष्ट्रीयकृत बैंक या पोस्ट आफिस में मासिक आय योजना के तहत जमा कराई जाए, ताकि उसे ब्याज के रूप में आय मिल सके।

दिल्ली में BJP को झटका, मंदिर प्रकोष्ठ के कई संत AAP में शामिल, केजरीवाल बोले- मैं खुद को बहुत सौभाग्यशाली समझता हूं     |     ओडिशा: EMI का पैसा मांगा तो गुस्से में लाल हुआ शख्स, चढ़ा दी कार…कुचलकर 1 की मौत     |     दीदी, आपने मेरा हमेशा साथ दिया है… ममता बनर्जी के समर्थन पर बोले अरविंद केजरीवाल     |     बाहर से कबाड़ी का गोदाम, अंदर 100 मीटर लंबी सुरंग, CCTV का जाल… लूटेरे इंडियन ऑयल के पाइप से ऐसे निकाल रहे थे तेल     |     अलीगढ़: ये मकान बिकाऊ है… प्रधान की दबंगई से परेशान वैश्य समाज के लोग, पलायन को मजबूर     |     ये है ‘गंजों’ वाला गांव, 3 दिन में झड़ जाते हैं सिर के बाल; कौन सा वायरस फैला रहा दहशत?     |     अतुल सुभाष की मां को मिल सकती है पोते की कस्टडी, सुप्रीम कोर्ट ने बताया विकल्प     |     क्या दिल्ली चुनाव में 2003 वाला फैसला लेगी BJP, अब तक 2 बार ही किया ऐसा     |     रामगढ़: बंद के आदेश के बावजूद खोला स्कूल, सड़क हादसे में 3 मासूम छात्रों की मौत… कौन जिम्मेदार?     |     संभल मस्जिद मामला: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिला कोर्ट में चल रहे मुकदमे पर लगाई रोक, सभी पक्षकारों से मांगा जवाब     |