नई दिल्ली । मोदी सरनेम को लेकर आपराधिक मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप के बीच जर्मनी के एक बयान ने आग में घी डालने का काम किया है। वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जर्मनी के विदेश मंत्रालय का आभार जताया। इसके बाद बीजेपी ने गुरुवार को कांग्रेस पर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने का आरोप लगाया। अब विपक्षी दल ने भी पलटवार किया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा- कांग्रेस का दृढ़ विश्वास है कि भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को खुद नरेंद्र मोदी की ओर से हमारी संस्थाओं पर हमले, उत्पीड़न की राजनीति और लोकतंत्र पर पैदा हुए खतरों से निपटना होगा। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां निडरता से उनका मुकाबला करेंगी।
दरअसल, जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि हमने भारत में विपक्षी नेता राहुल गाधी के खिलाफ फैसले और उनकी संसदीय सदस्यता निलंबित किए जाने का संज्ञान लिया है। प्रवक्ता के हवाले से कहा गया कि हमारी जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी फैसले को चुनौती दे सकते हैं। तब ये स्पष्ट होगा कि क्या यह फैसला टिक पाएगा और क्या निलंबन का कोई आधार है? प्रवक्ता ने कहा कि जर्मनी को उम्मीद है कि न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत समान रूप से राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही पर लागू होंगे।
जर्मनी के बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि राहुल गांधी को परेशान करके भारत में लोकतंत्र से समझौता किया जा रहा है। इसका संज्ञान लेने के लिए जर्मनी के विदेश मंत्रालय और डॉयचे वैले के मुख्य अंतरराष्ट्रीय संपादक रिचर्ड वाकर का शुक्रिया।
इसके बाद बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस और दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दल आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को आमंत्रित कर रहा है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कटाक्ष किया कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने की खातिर राहुल गांधी का आभार।
किरेन रिजिजू ने आगे कहा- याद रखिए, भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती। भारत अब और विदेशी प्रभाव को सहन नहीं करेगा क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री हैं – नरेंद्र मोदी जी।