रूस और बेलारूस के खिलाड़ी ग्रैंडस्लेम टूर्नामेंट विंबलडन में तटस्थ खिलाड़ी के तौर पर खेलते दिखाई देंगे। ऑल इंग्लैंड क्लब ने शुक्रवार को रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर पिछले साल लगाए प्रतिबंध को हटा दिया है। खिलाड़ियों को शर्तां के साथ टूर्नामेंट खेलने की अनुमति मिली है। वे यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का समर्थन नहीं करेंगे।
ऑल इंग्लैंड क्लब ने कहा कि खिलाड़ी अपने देश रूस और बेलारूस से फंड भी नहीं लेंगे। अन्य टेनिस टूर्नामेंटों ने रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को तटस्थ खिलाड़ी के तौर पर खेलने की अनुमति दी हुई है। इस साल विंबलडन की शुरुआत तीन जुलाई से होगी। महिला एकल का फाइनल 15 जुलाई और पुरुष एकल का फाइनल 16 जुलाई को होगा।
पिछले साल यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर राष्ट्रीय ध्वज, प्रतीकों के इस्तेमाल और राष्ट्रगान गाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। यूक्रेन पर हमला करने में बेलारूस भी रूस की मदद कर रहा है। भारत में हुई आईबीए महिला विश्व चैंपियनशिप में रूस और बेलारूस के मुक्केबाज अपने-अपने देशों के झंडे के साथ खेले थे। अब विंबलडन ओपन में भी दोनों देशों के खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति मिली हुई है।