सरकार ने देश में उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को 3,500 रुपये प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया है। तीन अप्रैल को जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, डीजल निर्यात पर शुल्क आधा कर 50 पैसे प्रति लीटर किया गया है। विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर भी अब कोई कर नहीं लगेगा। कर की नई दरें 4 अप्रैल से लागू हो गई हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड में नरमी को देखते हुए शुल्क में कटौती की गई है। हालांकि, ओपेक प्लस देशों के क्रूड उत्पादन में कटौती की अचानक घोषणा से इस माह क्रूड के दाम चढ़े हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सब्यसाची मजूमदार ने कहा, 21 मार्च, 2023 को विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) की समीक्षा के बाद क्रूड के दाम घटे हैं। इसे देखते हुए शुल्क में कटौती की गई है।
फिर बढ़ सकता है शुल्क
मजूमदार ने कहा, ओपेक प्लस देशों के प्रतिदिन 11.6 लाख बैरल अतिरिक्त उत्पादन कटौती की घोषणा के बाद से क्रूड में तेजी आई है। आगे भी कीमतें बढ़ती हैं तो शुल्क की दरें फिर बढ़ सकती है। पिछले दो सप्ताह में तेल की औसत कीमतों के आधार पर कर दरों की समीक्षा हर पखवाड़े की जाती है। एसएईडी से सरकार को एक जुलाई, 2022 से मार्च, 2023 तक 40,000 करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है।
सबसे पहले जुलाई में लगा था अप्रत्याशित लाभ कर
भारत ने सबसे पहले अप्रत्याशित लाभ कर एक जुलाई, 2022 को लगाया गया था। इसके साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया, जिन्होंने ऊर्जा कंपनियों को हो रहे बेतहाशा लाभ पर कर लगाया है। उस समय पेट्रोल और विमान ईंधन पर 6 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया गया था। डीजल पर 13 रुपये लीटर का शुल्क लगाया गया था। साथ ही, घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन अप्रत्याशित लाभ कर भी लगाया गया था।