से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। उदयपुर के मावली में एक 8 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस हादसे के बाद मावली के लोग सदमे में है।लोग ये जान कर हैरान हैं कि कोई इतनी हैवानियत कैसे कर सकता है। बता दें कि हत्यारे ने पहले बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। वह यहीं नहीं रुका। उसने बच्ची के शव के साथ भी दुष्कर्म किया और इसके बाद 10 टुकड़े कर दिए। पहले हत्यारे ने बच्ची के शव को चाकू से काटने की कोशिश की, लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाया तो उसने लकड़ी काटने वाले कुल्हाड़ीनुमा औजार(कूट) से बच्ची का सिर धड़ से अलग कर दिया।
इस मामले में हत्यारे कमलेश और उसके मां-बाप को भी गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं, इस मामले में हत्यारे कमलेश के ताऊ और चाचा ने कहा कि हमें इस घटना की थोड़ी सी भी भनक लग जाती तो हम खुद कमलेश को गोली मार देते। उसे सरेआम फांसी देनी चाहिए। वहीं, मासूम की मां का रो रोकर बुरा हाल है। मां बेसुध हालत में है और बेटी को याद करके रो रही हैं।
मां ने बयां किया अपनी बेटी खोने का दर्द
मां ने रोते हुए बताया कि बेटी 29 मार्च को हर रोज की तरह स्कूल से घर वापस आई थी। आने के बाद उसने अपने कपड़े बदले और बिस्किट के लिए कुछ पैसे लेकर अपने ताऊ के घर की तरफ चली गई। वो न दुकान पहुंची, न ताऊ के घर। उसके बाद टुकड़ों में कटा हुआ उसका शव मिला। अब हमारे पास सिर्फ उसकी यादें हैं। रात को भी नींद में बेटी के साथ हुई हैवानियत का मंजर रह-रहकर याद आता है। कैसे उस राक्षस (कमलेश के लिए) ने बेटी के साथ दुष्कर्म किया, उसका गला घोंटा और उसके 10 टुकड़े कर दिए।
क्या पुलिस कार्रवाई या सजा से मेरी बेटी वापस आ सकती है? कानून अपना काम करेगा, लेकिन मेरी फूल जैसे बेटी अब कभी वापस नहीं आएगी। 4 भाइयों में सबसे छोटी बहन थी, जो पूरे परिवार में सबसे ज्यादा प्यारी थी। मन में एक डर है कि वकीलों की मदद से यदि कमलेश, उसके पिता राम सिंह और मां किशन कुंवर बाहर आ भी गए तो इस गांव में रहेंगे। अपने सामने हम कैसे अपनी बेटी के हत्यारों को सहन करेंगे। कमलेश के साथ पूरे परिवार को गांव के बीच चौराहे पर फांसी दे देनी चाहिए, जिससे कभी भी कोई ऐसी हरकत करने से पहले एक नहीं, हजार बार सोचे।
आरोपी परिवार घर पहुंच जता रहा था सहानुभूति
पीड़िता के साथ बैठी परिवार की महिलाएं बोलीं- हैरानी है कि कमलेश की मां किशन ने कैसे अपने बेटे की घिनौनी करतूत छिपा ली। वो तो खुद एक औरत हैं। पुत्र मोह में मां-बाप ने भी शव फेंकने में उसकी मदद की। 3 दिनों तक गांव में भनक नहीं लगने दी। हमारी बेटी को मारकर हमारे ही घर आकर हमसे बार-बार सहानुभूति जताते रहे।
कुछ नहीं कर पाने का अफसोस- पिता
पीड़िता के पिता ने कहा कि जब बेटी के साथ ऐसा हुआ है, तो मैं कैसे कुछ बोलू? खुद पर कुछ भी नहीं कर पाने का अफसोस है। वो बचपन से सबको प्यारी थी, पूरे गांव में उसे बच्चे ही नहीं, बूढ़े भी बहुत दुलार करते थे। कोई ऐसा कैसे कर सकता है?
आरोपी गांव वालों से कम मिलता जुलता था
जिस खंडहर में मासूम का शव मिला उसके मालिक मनीष वैष्णव ने बताया- इस घटनाक्रम के कारण पूरा गांव शर्मिंदा है। थाना क्षेत्र के बीट कॉन्स्टेबल से थानाधिकारी अब तक इस गांव के लोगों का उदाहरण दिया करते थे, लेकिन जिंदगी में कभी न भूलने वाला कलंक हमारे गांव पर लग गया है। कमलेश के घर के ठीक सामने ही उनका खाली बाड़ा है, जहां उसने बच्ची के शव के टुकड़े करके फेंके। कमलेश आमतौर पर गांव के लोगों से कम मिलता जुलता था। वो घर में मोबाइल चलाता रहता था। उस दिन भी शाम को हम जब बच्ची को तलाश रहे थे तो वो सबके साथ था।