नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव से पहले 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा कुछ राज्यों में संगठनात्मक बदलाव कर सकती है। हाल ही में संसद सत्र के दौरान चुनावी राज्यों के सांसदों से मिले फीडबैक के बाद चुनावी राज्यों में बड़े पैमाने पर बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा मप्र दौरे के दौरान भी प्रदेश में समन्वय व प्रबंधन पर सवाल खड़े किए गए थे। शाह ने तो बेहतर समन्वय व प्रबंधन पर जोर देते हुए बदलाव की बात कही गई थी। स्वयं अमित शाह और नड्डा ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि मप्र में सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय नहीं है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य में रणनीति के मुताबिक काम किया जाएगा और जरूरी हुआ तो वहां बदलाव भी किया जाएगा। इससे पहले भाजपा के अधिकांश सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसमें प्रदेश संगठन में बदलाव को लेकर चर्चा हुई थी।
मप्र में भाजपा मिशन 2023 की तैयारियों की जुटी है। अब जमीनी पड़ताल और हकीकत जानने के लिए भाजपा आलाकमान ने राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल को मैदान में उतारा है। संघ से जुड़े भाजपा के दोनों बड़े पदाधिकारी ने जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे हैं। विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं से अलग-अलग जिलों में जाकर नेताओं के नामों पर चर्चा किया है। वहीं आलाकमान के कराए डबल लेयर सर्वे ने प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों की नींद उड़ा दी है। प्रदेश के कई जिलों के दौरे करने के बाद क्षेत्रीय संगठन महामंत्री जामवाल ने पार्टी आलाकमान को अपनी फीडबैक रिपोर्ट सौंपी हैं। मप्र में पार्टी संगठन में कई बड़े चेहरे बदले जा सकते हैं। दोनों दिग्गज पदाधिकारियों के रिपोर्ट पर ही बड़े बदलाव होंगे।