पश्चिम चंपारण के बगहा में वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) के मदनपुर रेंज के गोरखपुर-नरकटियागंज भपसा पुल के पास रविवार की सुबह ट्रेन से कटकर एक चार साल के मादा तेंदुए की मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे वन अधिकारी तेंदुए का पोस्टमार्टम कराने के लिए रेंज कार्यालय ले गए। आशंका व्यक्त की जा रही है कि रेलवे लाइन पार करते समय वह ट्रेन की चपेट में आ गई।
रविवार की सुबह कुछ लोग जंगल की तरफ गए थे। तभी उनकी नजर तेंदुए के शव पड़ी। लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। कुछ देर बाद ही मदनपुर रेंज के प्रशिक्षु रेंजर कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और रेलवे ट्रैक में फंसे शव को बाहर निकलवाया। घटना के कुछ देर पहले एक मालगाड़ी गुजरी थी। संभावना व्यक्त की जा रही है कि उसकी मौत मालगाड़ी की चपेट में आने से हुई होगी।
पहले भी ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं बाघ और गेंडे
बाघ और तेंदुए की सुरक्षा को लेकर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व प्रशासन चाहे जितना भी दावे करे, लेकिन ऐसी घटनाओं से इसपर लगातार सवालिया निशान खड़े होते रहे हैं। जानवरों की मौत के बाद विभाग यह कहकर मौन हो जाता है कि जांच के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा।
पुराने आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2008 में मदनपुर वन क्षेत्र के नौरंगिया जंगल में एक बाघ की मौत आयरन ट्रैप में फंसने के कारण हो गई थी। वर्ष 2015 में भी मदनपुर वन क्षेत्र के दिल्ली कैंप के पास एक बाघ की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गई थी। कुछ दिन बाद एक गेंडा की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी।
पिछले साल मिले थे दो तेंदुए के शव
वहीं, 28 अगस्त 2022 को वीटीआर के वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र अंतर्गत भालू थापा के नजदीक बिसहिया नाला के पास एक तेंदुए का शव मिला था। आशंका जताई गई थी कि उसकी मौत बाघ के हमले में हुई है। पिछले साल छह मई को भी एक तेंदुए की मौत हो गई थी।