चंडीगढ़: पंजाब राज्य में 102 पूर्व और मौजूदा विधायक तथा सांसद आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जो इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा हैं। इनमें से 90 का ट्रायल चल रहा और 12 मामलों की जांच लंबित है। इसके विपरीत, हरियाणा में 28 ऐसे पूर्व और मौजूदा सांसद व विधायक हैं जिन पर मामले चल रहे हैं। हरियाणा व पंजाब के कुल 13 ऐसे वीवीआइपी हैं, जो यूटी चंडीगढ़ में आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की तरफ से हाई कोर्ट में दायर हलफनामे में विस्तार से यह जानकारी दी गई है। सांसद-विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों के तेजी से निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जिस स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट को बनाने की वकालत की थी, उसी के तहत पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई शुरू की है।
किन-किन पर चल रहे आपराधिक मामले
हलफनामे के मुताबिक, पंजाब में आपराधिक मामलों का सामना करने वालों में प्रमुख रूप से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया शामिल हैं। हरियाणा में विभिन्न मामलों का सामना करने वालों में प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं।
भगवंत मान पर भी चल रहा केस
वहीं, चंडीगढ़ में आपराधिक मामलों का सामना कर रहे प्रमुख वीवीआइपी में पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान, अमन अरोड़ा, हरपाल सिंह चीमा, गुरमीत सिंह हेयर, पंजाब के पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बिक्रम सिंह मजीठिया, विजय सांपला, मास्टर मोहन लाल और शिरोमणि अकाली दल के कई नेता शामिल हैं। उनमें से अधिकतर को चंडीगढ़ में किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन करने के दौरान जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेशों के उल्लंघन से संबंधित मामलों का सामना करना पड़ रहा है।
चंडीगढ़ में बड़ी संख्या में ऐसे वीवीआइपी पर एक ही प्राथमिकी दर्ज है। हरियाणा के पूर्व मंत्री संदीप सिंह जूनियर कोच से छेड़छाड़ के आरोपों का सामना कर रहे हैं। चंडीगढ़ में पूर्व एवं मौजूदा सांसद व विधायकों के विरुद्ध कुल 13 मामले लंबित हैं, जिनमें से दो मामलों में पुलिस ने निरस्तीकरण रिपोर्ट दाखिल की है, दो मामले जांच के लिए लंबित हैं और नौ मामले में ट्रायल लंबित हैं।
इन माननीयों के खिलाफ चल रही कार्रवाई
हरियाणा में जिन माननीयों के खिलाफ जांच चल रही है, उनमें रामकिशन फौजी, रामनिवास घोडेला, जरनैल सिंह, नरेश सेलवाल, राव नरेंद्र, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मांगे राम गुप्ता शामिल हैं। जिनके ट्रायल कोर्ट के सामने विचाराधीन हैं उनमें उमेश अग्रवाल, सुखबीर कटारिया, रोशन लाल आर्य, हिमाचल के पूर्व विधायक सिंघी राम, सुभाष चौधरी, सतविंदर सिंह, बलबीर सिंह, दिल्ली के विधायक सुरेंद्र सिंह, राव बहादुर सिंह व आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता शामिल हैं।