पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिशन 2024 पर पूरी ताकत से लगे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने का टारगेट लेकर नीतीश कुमार विपक्षी एकता की मुहिम को लगातार आगे बढ़ाने की कवायद में जी जान से जुटे हैं। इसी क्रम में 25 अप्रैल को नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल जाने वाले हैं। बिहार सीएम वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से विपक्षी एकता की रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि ममता दीदी बंगाल में विपक्षी एकता होने देंगी? खबर आ रही है कि दिल्ली को सेट करने के बाद नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल का रुख करने वाले हैं। 25 अप्रैल को बिहार सीएम मिशन 2024 पर पश्चिम बंगाल जाएंगे। वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर विपक्षी एकता की मुहिम को आगे बढ़ाने की बात होगी लेकिन यह कहना मुश्किल है कि नीतीश कुमार अपनी मुहिम में कितनी सफलता हासिल कर पाएंगे।
नीतीश कुमार पिछले दिनों तेजस्वी यादव के साथ दिल्ली दौरे पर गए थे जहां उनकी मुलाकात कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ हुई। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे,पार्टी नेता राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार का कॉन्फिडेंस और बढ़ गया। राहुल गांधी ने विपक्षी एकता में पूरा सहयोग देने का वादा किया। इस मुलाकात के दौरान नीतीश कुमार को अन्य दलों के साथ बातचीत करने के लिए मोटे तौर पर ऑथराइज कर दिया गया। लेकिन बड़ी बात यह है कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में कमजोर पड़ रही कांग्रेस पार्टी से ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस दूरी बनाए रखना चाहती है। पश्चिम बंगाल के सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव के नतीजे ने ममता बनर्जी को बड़ा मौका दे दिया। चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बायरन विश्वास की भारी जीत हुई जबकि तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी की हार हो गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस चुनाव परिणाम के बाद बीते मार्च में ही ममता बनर्जी ने विपक्षी एकता को लेकर अपना स्टैंड साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस जनता के साथ गठबंधन करेगी। ममता दीदी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी और लोकसभा का चुनाव अपने बलबूते पर लड़ेंगी।