देवास। जनवरी 2020 में शहर के नाहर दरवाजा क्षेत्र से स्कूली छात्रा घर से लापता हो गई थी। जब घर वालों की सूचना पर पुलिस ने उसे खोजा तो उसने जो कहानी बताई उससे घरवालों के होश उड़ गए। छात्रा को शहर के रेवाबाग में रहने वाला युवक जबरन अपने साथ ले गया था और महू क्षेत्र में उससे कई बार दुष्कर्म किया। मामले में विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेंद्रसिंह भदौरिया ने बताया कि 27 जनवरी 2020 को छात्रा की मां ने नाहर दरवाजा थाने पर लापता होने संबंधी सूचना दी थी। पुलिस ने तुरंत सक्रियता दिखाई और छात्रा को तलाशना शुरू किया। मार्च में छात्रा को ढूंढकर आरोपित दर्पण परमार निवासी रेवाबाग को गिरफ्तार कर लिया।
छात्रा ने पुलिस को बताया कि 26 जनवरी की शाम आरोपित उसे घर से बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। आरोपित ने महू क्षेत्र की एक टापरी में उसे रखा और 18 मार्च तक कई बार उससे दुष्कर्म किया। इस दौरान उसने विवाह करने के लिए भी दबाव बनाया।
पाक्सो एक्ट के तहत हुई सजा
प्रकरण में विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट जिला देवास द्वारा निर्णय पारित करते हुये आरोपित दर्पण परमार निवासी रेवाबाग को भादंसं की धारा 376(3),376(2)(एन) भादवि तथा 3/4 व 5(एल)/6 पाक्सो एक्ट में दोषी पाया। निर्णय पारित करते हुए आरोपित को 20 वर्ष के सश्रम कारावास से तथा एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।