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नागपुर के चार मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ‘ड्रेस कोड’ हुए लागू

नागपुर शहर के चार मंदिरों में शुक्रवार को ‘वस्त्र संहिता’ (ड्रेस कोड) लागू कर दिया गया। महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के समन्वयक सुनील घनवत ने कहा कि भक्तों को आपत्तिजनक कपड़े नहीं पहनने चाहिए।

वहीं, जिन मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है उनमें धंतोली के गोपालकृष्ण मंदिर, बेलोरी (साओनेर) के संकटमोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर, कनोलीबारा के बृहस्पति मंदिर और हिलटाप इलाके के दुर्गामाता मंदिर शामिल हैं।

फरवरी में जलगांव में महाराष्ट्र मंदिर ट्रस्ट परिषद की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया था। घनवट ने कहा कि ड्रेस कोड लागू करने का उद्देश्य मंदिरों की पवित्रता की रक्षा करना है।

उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सरकार द्वारा नियंत्रित मंदिरों में ड्रेस कोड लागू करने का भी अनुरोध करेंगे।

छोटे कपड़े पहनकर मंदिर में नहीं मिलेगा प्रवेश

श्री गोपालकृष्ण मंदिर के ट्रस्टी प्रसन्न पातुरकर, मंदिर समिति प्रमुख श्रीमती ममताताई चिंचवडकर और आशुतोष गोटे ने कहा कि मंदिर की पवित्रता की रक्षा और भारतीय संस्कृति का पालन होना चाहिए।

इस उद्देश्य से हमारा आग्रह है कि मंदिर में श्रद्धालु आते समय अंगप्रदर्शन करने वाले और छोटे कपडे़ पहनकर न आएं। भारतीय संस्कृति का पालन कर मंदिर प्रशासन में सहयोग करें।

महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के समन्वयक सुनील घनवट ने कहा कि मंदिरों की पवित्रता, शिष्टाचार और संस्कृति संजोने के लिहाज से यहां ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया गया है।

सरकारी कार्यालयों, अनेक मंदिरों, गुरुद्वारों, चर्चों, मस्जिदों, स्कूल-कॉलजों, न्यायालयों, पुलिस विभाग में वस्त्र संहिता (ड्रेस कोड) लागू है। इसी आधार पर हमने ये फैसला लिया है।

 

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