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नेपा मिल में सफेद राइटिंग कागज का उत्पादन शुरू, जनसंपर्क अधिकारी बोले- केंद्र सरकार से मिला था पैकेज

बुरहानपुर । अखबारी कागज का उत्पादन करने वाले एशिया के पहले और सबसे बड़े कारखाने नेपा मिल में 75 साल बाद सफेद राइटिंग कागज का उत्पादन शुरू हो गया है। सोमवार को मिल प्रबंधन ने इसका ट्रायल किया था और गणेश चतुर्थी से उत्पादन शुरू कर दिया।

मिल प्रबंधन ने अखबारी कागज को रीसाइकिल कर 58 जीएसएम के सफेद कागज के रोल तैयार किए हैं। इस पेपर की ब्राइटनेस 75 प्लस है। कागज का उपयोग कई तरह की लेखन और मुद्रण सामग्री में किया जा सकेगा।

जनसंपर्क अधिकारी संदीप ठाकरे ने बताया कि नेपा मिल की इस उपलब्धि को लेकर केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय ने भी ट्वीट किया है। केंद्र सरकार से मिले रिवाइवल पैकेज से तेरह माह पूर्व ही नेपा मिल का नवीनीकरण कर नए सिरे से प्रारंभ किया था। मिल प्रबंधन ने पेपर बनाने वाली अन्य आधुनिक मशीनों के साथ ही डी-इंकिंग प्लांट भी लगाया है। यह प्लांट अखबारी कागज से स्याही को अलग करने का काम करता है। मिल प्रबंधन काफी समय से सफेद कागज तैयार करने का प्रयास कर रहा था। इन प्रयासों को अब जाकर सफलता मिली है।

सीमित मानव संसाधनों से पाई सफलता

नेपा मिल की स्थापना के करीब 75 साल पूरे हो चुके हैं। इस सफर के बीच में करीब नौ साल तक आर्थिक तंगी और नवीनीकरण के कारण मिल पूरी तरह बंद रही। पिछले साल 23 अगस्त को केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय ने नवीन संयंत्रों का शुभारंभ किया था। उसके बाद नए सिरे से कागज का उत्पादन शुरू हुआ। इस कारखाने में पूर्व में करीब चार हजार कर्मचारी काम करते थे।

नवीनीकरण के बाद मिल में 230 अधिकारी, कर्मचारी काम कर रहे हैं। सीमित मानव सांसधनों के बावजूद मिल ने अच्छी गुणवत्ता का सफेद कागज कर कीर्तिमान रच दिया है। अब मिल में अखबारी कागज के साथ व्यावसायिक कागज का उत्पादन भी शुरू हो गया है।

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