पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी शोभा यात्रा निकालने का मामला कोर्ट पहुंच गया है. राज्य सरकार ने पिछले साल की यात्रा और मौजूदा समय में उतना फोर्स न होने का हवाला देते हुए यात्रा रोकने की बात कही. इस पर कोर्ट ने कहा, अगर 200 लोगों के जुलूस को पुलिस नहीं संभाल सकती तब तो कुछ कहने को नहीं रह जाता.
दरअसल, इस यात्रा का आयोजन विश्व हिंदू परिषद कर रहा है. मामले में राज्य सरकार ने कोर्ट में कहा कि पिछले साल इस शोभा यात्रा में 10 से 12 हजार लोग थे. बवाल के मामले की एनआईए की जांच चल रही है. सरकार अकेले हावड़ा में 17 जुलूसों की परमिशन दे चुकी है. इस साल हमारे पास उतना फोर्स नहीं है. इसलिए यात्रा को रोक दिया जाए.
जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार केंद्रीय बलों की मदद ले
इस पर कोर्ट ने कहा कि जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार केंद्रीय बलों की मदद ले और रामनवमी शोभा यात्रा का आयोजन करे. साथ ही विश्व हिंदू परिषद 200 लोगों के साथ शोभा यात्रा की पुष्टि करे. आवश्यक हो तो टेम्पलेट बांटकर इसकी जानकारी दे.
बताते चलें कि रामनवमी पर बीते साल देश के कई राज्यों में हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं. इसमें बंगाल के हावड़ा में भी हिंसा हुई थी. यहां शोभायात्रा पर पथराव की घटना हुई थी.इसके साथ ही सड़कों खड़े वाहनों को फूंक दिया गया था. इस हिंसा में कई लोग घायल हुए थे. पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था.
‘मेरी आंख और कान खुले हैं’
इस मामले पर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी को घेरा था. उन्होंने कहा था, सुना है हावड़ा में दंगा हो गया. मेरी आंख और कान खुले हैं. रोजे के समय मुस्लिम कोई गलत काम नहीं करते. हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. मैं दंगा फैलाने वालों का समर्थन नहीं करती, ऐसे लोग देश के दुश्मन हैं.