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आठ लाख से ज्यादा बैंक पेंशनर्स स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित

जबलपुर। राष्ट्रीयकृत बैंकों के पेंशनर्स को स्वास्थ्य बीमा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसकी मुख्य वजह यह है कि वर्षों बाद भी खंडेलवाल कमेटी की सिफारिशें लागू नहीं की जा सकीं। कमेटी ने बैंक पेंशनर्स के लिए स्वास्थ्य बीमा की अनुशंसा की थी। देशभर के आठ लाख से ज्यादा बैंक पेंशनर्स स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ से वंचित हैं। इनमें से एक लाख 20 हजार पेंशनर्स ने निजी खर्च पर स्वास्थ्य बीमा कराया है।

राष्ट्रीय बैंकों में तीन हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं

 

जबलपुर में संचालित राष्ट्रीय बैंकों में तीन हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं तथा यहां करीब आठ हजार से अधिक बैंक पेंशनर्स निवास करते हैं। ज्ञात हो बैंकों ने कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा तो कल्याण निधि से कराया, लेकिन पेंशनर्स का नहीं। खंडेलवाल कमेटी ने कल्याण निधि का 25 प्रतिशत पेंशनर के स्वास्थ्य पर खर्च करने की अनुशंसा की थी। परंतु यह व्यवस्था अब तक लागू नहीं हो पाई।

 

कर्मचारियों का बीमा, पेंशनर को भुला दिया

दिलचस्प है कि राष्ट्रीयकृत बैंक में सेवारत अधिकारी-कर्मचारियों का बैंकों ने बीमा कल्याण निधि से कराया। लेकिन पेंशनर को भुला दिया। यही कारण है कि बैंक पेंशनर को कल्याण निधि के दायरे में न तो लाया गया और न ही स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया। जबकि खंडेलवाल समिति ने कल्याण निधि का 25 प्रतिशत पेंशनर के स्वास्थ्य पर खर्च करने की व्यवस्था दी थी।

 

पेंशन राशि से करा रहे बीमा

 

वर्तमान में बैंक पेंशनर चूंकि केंद्र की सीजीएचएस के लाभ से वंचित हैं ऐसी स्थिति में वे अपनी पेंशन की राशि से स्वास्थ्य बीमा कराने मजबूर हैं। 2 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा के लिए उन्हें 25 हजार और 7 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा हेतु 59 हजार रुपये प्रतिवर्ष स्वयं वहन करना पड़ रहा है।

 

क्या कहती है खंडेलवाल समिति की सिफारिश

 

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के मानव संसाधन मुदों पर डा एके खंडेलवाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने 2012 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसमें वेतन, सेवा शर्तों, कल्याण निधि, भर्ती योजना, स्वास्थ्य से संबंधित मामलों पर 105 सिफारिश की। इसमें कहा गया था कि प्रत्येक राष्ट्रीयकृत बैंक एक मानव संसाधन योजना बनाए और कल्याण निधि का 25 प्रतिशत बैंक पेंशनर के स्वास्थ्य पर खर्च करे। समिति ने पेंशन रिवाइज व निश्शुल्क स्वास्थ्य बीमा की अनुशंसा भी की थी।

पोस्ट कार्ड लिखकर समस्या से अवगत कराने का प्रयास :

बैंक पेंशनर्स ने अपनी बेसिक जरूरत के रूप में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान सीजीएचएस जैसे स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने केंद्रीय वित्त मंत्रालय व रिजर्व बैंक को लाखों शिकायती पोस्ट ाकार्ड लिखकर देशभर से भेजे हैं। इसमें अकेले जबलपुर से हजारों की संख्या में बैंक पेंशनर ने पोस्ट कार्ड के माध्यम से पत्र लिखकर स्वास्थ्य बीमा नहीं होने की समस्या से अवगत कराया है। लेकिन बावजूद इसके अब तक कोई ठोस पहल इस दिशा में नहीं हुई।

 

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