ब्रेकिंग
NEET UG पेपर लीक मामले में,CBI ने छह के खिलाफ दूसरी चार्जशीट दाखिल किया हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव प्रचार में क्यों नहीं उतरीं प्रियंका गांधी, कांग्रेस को पुरानी रणनी... ‘निबंध वाली सजा’… रॉन्ग साइड ड्राइविंग, लाइसेंस भी नहीं; थाने से मिली अक्षत को उड़ाने वाले SUV चालक ... हमने कभी PAK का एजेंडा नहीं चलाया… फारूक अब्दुल्ला ने तिरुपति प्रसादम विवाद पर भी दिया बयान यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका खारिज, गैंगरेप के आरोप में मिली थी उम्रकैद की ... ‘5 लाख दो सेना का ऑफर लेटर लो’… खुद चाहता था नौकरी, दलालों के चक्कर में बन गया ठग सरकार दंगा कराना चाहती, मोदी-शाह जितनी बार आयेंगे हमे फायदा होगा; जयंत पाटिल का बयान फैक्ट चेक यूनिट्स असंवैधानिक… बॉम्बे हाई कोर्ट ने IT नियमों में हुए बदलाव को किया रद्द BJP का मिशन महाराष्ट्र, चुनावी मैदान में कूदेंगे राज्य से बाहर के 13 बड़े सूरमा… दिलाएंगे जीत? दंगे, प्रदर्शन में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो होगी वसूली… उत्तराखंड में विधेयक को मंजूरी

मध्य प्रदेश में सीसीएफ के रिटायरमेंट के 10 दिन बाद उनके सिग्नेचर से ट्रांसफर!

इंदौर। इंदौर वृत्त में आने वाले इंदौर-धार और झाबुआ वनमंडल में पदस्थ वनकर्मियों के तबादले इन दिनों चर्चा में हैं। हुआ यूं है कि जिस अधिकारी के हस्ताक्षर से ये तबादला आदेश 10 सितंबर को जारी हुए, वह अधिकारी तो इसके 10 दिन पहले 31 अगस्त को ही सेवानिवृत्त हो चुके थे। अब वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी हैरान हैं कि सेवानिवृत्ति के दस दिन बाद पुरानी तारीख पर आदेश कैसे निकाले गए? इन तबादलों पर अब विवाद खड़ा हो गया है।

यहां तक कि मामले की शिकायत वन विभाग के भोपाल स्थित मुख्यालय तक पहुंच गई है। दरअसल, इंदौर वृत्त में तीन वर्ष सीसीएफ रहने के बाद नरेंद्र सनोड़िया 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद इंदौर वृत्त में नौ और 10 सितंबर को कई वनकर्मियों के तबादला आदेश जारी हुए।

इन पर तत्कालीन सीसीएफ सनोड़िया के हस्ताक्षर हैं। कोई सवाल न खड़ा हो, इसलिए बैकडेट में आदेश बनाए गए। यह सब तब हुआ जबकि तबादलों पर रोक लगी है, जो कि अक्टूबर में हटने वाली है। एक गड़बड़झाला यह भी है कि जिनके तबादला आदेश जारी हुए हैं, उनका छह महीने पहले ही तबादला हुआ था।

विदाई समारोह और पार्टी पर सवाल

पूर्व सीसीएफ नरेंद्र सनोड़िया की सेवानिवृत्ति के बाद उनकी विदाई में इंदौर से लेकर धार वनमंडल में समारोह जोर-शोर से विदाई समारोह आयोजित किए गए। इंदौर के तेजाजी नगर स्थित रिसोर्ट में पार्टी भी रखी गई। इन पार्टियों और कार्यक्रमों की चर्चाएं भोपाल मुख्यालय तक पहुंच गईं। सूत्र कहते हैं कि इन पार्टियों को आयोजित करने वाले इन तबादला आदेश से उपकृत हुए हैं।

जरा-सी दूरी 
में लग गए 
10 दिन?

प्रश्न यह उठ रहा है कि इंदौर वृत्त कार्यालय से निकले तबादला आदेश को इंदौर-चोरल, मानपुर व धार वनमंडल पहुंचने में क्या दस दिन का समय लग गया? दरअसल, आदेश पर तारीख अगस्त की है, जबकि आदेश जारी 10 सितंबर को हुए। ऐसे में प्रश्न उठा है कि क्या तबादला आदेश एक से दूसरे सरकारी दफ्तर पहुंचने में 10 दिन लग गए?

NEET UG पेपर लीक मामले में,CBI ने छह के खिलाफ दूसरी चार्जशीट दाखिल किया     |     हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव प्रचार में क्यों नहीं उतरीं प्रियंका गांधी, कांग्रेस को पुरानी रणनीति पर भरोसा?     |     ‘निबंध वाली सजा’… रॉन्ग साइड ड्राइविंग, लाइसेंस भी नहीं; थाने से मिली अक्षत को उड़ाने वाले SUV चालक को जमानत     |     हमने कभी PAK का एजेंडा नहीं चलाया… फारूक अब्दुल्ला ने तिरुपति प्रसादम विवाद पर भी दिया बयान     |     यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका खारिज, गैंगरेप के आरोप में मिली थी उम्रकैद की सजा     |     ‘5 लाख दो सेना का ऑफर लेटर लो’… खुद चाहता था नौकरी, दलालों के चक्कर में बन गया ठग     |     सरकार दंगा कराना चाहती, मोदी-शाह जितनी बार आयेंगे हमे फायदा होगा; जयंत पाटिल का बयान     |     फैक्ट चेक यूनिट्स असंवैधानिक… बॉम्बे हाई कोर्ट ने IT नियमों में हुए बदलाव को किया रद्द     |     BJP का मिशन महाराष्ट्र, चुनावी मैदान में कूदेंगे राज्य से बाहर के 13 बड़े सूरमा… दिलाएंगे जीत?     |     दंगे, प्रदर्शन में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो होगी वसूली… उत्तराखंड में विधेयक को मंजूरी     |