ब्रेकिंग
जंगल में कहां से आया सोना और नोटों का जखीरा, कांस्टेबल से कैसे धनकुबेर बना सौरभ शर्मा? नींद में था पूरा परिवार, झोपड़ी में लग गई आग: जिंदा जलने से 3 लोगों की मौत प्राण प्रतिष्ठा के एक साल… 3 दिन तक राममय होगी अयोध्या, कैसी है तैयारी? राजगीर महोत्सव: जुबिन नौटियाल की आवाज सुनने के लिए बेकाबू हुई भीड़, तोड़ी कुर्सियां बावली कुएं की खुदाई में मिलीं 2 सुरंगें, भवन… तहखाने के मिलने की भी आशंका राहुल गांधी ने बाउंसर जैसा अटैक किया… अब कैसी है मुकेश राजपूत और प्रताप सारंगी की हालत, गिरिराज सिंह... जीवनभर मिलेगी राम मंदिर के मुख्य पुजारी को सैलरी, कभी था 100 रुपये वेतन… अब बढ़कर हुआ इतना दिल्ली में संदिग्ध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई, 175 की हुई पहचान, क्या होगा पुलिस का अगला एक्शन? सपा विधायक के बिगड़े बोल, बीजेपी को बताया ‘हिंदू आतंकवादी संगठन’ केजरीवाल कभी नहीं बन सकते सीएम…कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने ऐसा क्यों कहा?

आतिशी से पहले शीला दीक्षित थीं दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री, बदली थी राजधानी की तस्वीर, अब नया चेहरा नई उम्मीद

दिल्ली में कौन होगा मुख्यमंत्री, अब इस रहस्य से पर्दा उठ गया है. आम आदमी पार्टी के विधायक दल की मंगलवार की बैठक में कैबिनेट मंत्री और पार्टी का चर्चित महिला चेहरा आतिशी को अपना नेता चुना गया. आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगीं. इससे पहले दिल्ली में सीएम की कुर्सी पर बीजेपी की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. सुषमा एक बार तो शीला दिल्ली में तीन बार मुख्यमंत्री रहीं हैं. शीला दीक्षित आज भी दिल्ली के विकास का चेहरा कही जाती हैं. उनके कार्यकाल में राजधानी दिल्ली को तमाम फ्लाईओवर्स से लेकर मेट्रो के विस्तार तक की सौगात मिली है. अब उम्मीद की जा रही है कि आतिशी के नेतृत्व में भी दिल्ली विकास के नये आयाम रच सकती है.

आतिशी आम आदमी पार्टी की तेज तर्रार महिला नेता हैं. आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह जैसे पार्टी के दिग्गज नेताओं के जेल में रहने के दौरान आतिशी की सक्रियता ने ना केवल दिल्ली सरकार के काम काज को पटरी पर बनाये रखा बल्कि पार्टी को संगठित रखने में भी अपनी काबिलियित दिखाई. आतिशी बिजली, पानी की समस्या से लेकर आम लोगों के बीच जाती रहीं, तो राजधानी में शिक्षा क्रांति की अलख को भी जलाये रखा. उन्होंने स्कूलों में जा-जाकर वहां की व्यवस्था की निगरानी की और बुजुर्गों को तीर्थयात्रा पर भी भेजती रहीं.

शीला दीक्षित के दौर की दिल्ली

यह सही है कि साल 2013 में दिल्ली में अन्ना आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस और शीला दीक्षित से सत्ता छीन कर सरकार बनाई लेकिन इससे दिल्ली के लिए शीला दीक्षित का योगदान कम नहीं हो जाता. अपने तीन कार्यकालों के दौरान करीब 15 सालों में शीला दीक्षित के कई फैसले और योजनाओं ने दिल्ली की तस्वीर बदल दी. दिल्ली को लोगों को नई सुविधाएं दीं. फ्लाइओवर्स, मेट्रो और ब्लू लाइन बसों के बदले डीटीसी की सीएनजी बसें शीला सरकार की देन हैं. इससे दिल्ली को नई रफ्तार मिली और प्रदूषण पर नियंत्रण करने का प्रयास भी कारगर साबित हुआ. शीला सरकार के समय ही दिल्ली को नई लाइफलाइन मेट्रो की शुरुआत हुई.

कांग्रेस पार्टी ने शीला दीक्षित को उस वक्त दिल्ली की कमान सौंपी जब राजधानी में बीजेपी के पास साहब सिंह वर्मा, विजय कुमार मलहोत्रा और मदनलाल खुराना जैसे दिल्ली नेता थे लेकिन शीला दीक्षित ने अपनी सूझबूझ और मजबूत इरादों का परिचय देते हुए कांग्रेस को तीन बार विजय दिलाई और उन्होंने अपनी सरकार बनाई. इस दौरान साल 1998 में उन्होंने मेट्रो की बुनियाद डाली तो 1998 से 2013 तक राजधानी को 70 फ्लाइओवर्स दिये और रिंग रोड को सिग्नल फ्री किया, इससे दिल्ली को जाम से छुटकारा मिला. शीला दीक्षित ने ही दिल्ली के यमुना पार को सिग्नेचर ब्रिज का उपहार दिया था.

आतिशी से दिल्ली को उम्मीद

दिल्ली सरकार में आतिशी के पास कई विभाग हैं. मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद उनको शिक्षा मंत्री का भी दायित्व दिया गया. उससे पहले उनके पास पीडब्यूडी और जल विभाग का कार्यभार था. पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं के जेल जाने के बाद आतिशी ने इन तीनों ही विभागों का काम काज बखूबी निभाया. स्कूलों का दौरा करने से लेकर, दिल्ली में पानी की आपूर्ति के संकट को दूर करने और फिर पीडब्यूडी के तहत सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए उन्होंने जनता की अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरा उतरने की कोशिश की.

मनीष की शिक्षा क्रांति को आगे बढ़ाया

आतिशी ने दिल्ली के स्कूलों के रखरखाव के उन कामों को आगे बढ़ाया, जिसको मनीष सिसोदिया ने शुरू किया था. यही वहज है कि आज दिल्ली में मनीष सिसोदिया के साथ साथ आतिशी को भी शिक्षा क्रांति की नेता कहा जाता है. दिल्ली में कहीं भी जनता को कोई समस्या का सामना करना पड़ा, आतिशी ने वहां जाकर, समस्याओं का निराकरण करने का पूरा प्रयास किया. ऐसी उम्नीद की जा रही है कि दिल्ली में एक महिला मुख्यमंत्री के तौर पर जिस प्रकार शीला दीक्षित ने अपना योगदान दिया था, कुछ उसी तरह आतिशी भी जनता की अपेक्षा के अनुरूप विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए वचनबद्ध हैं.

हालांकि दिल्ली में राजनीतिक वजहों से रुके कामों को निपटाने और विकास की नई तस्वीर दिखाने के लिए आतिशी के पास समय बहुत है. लेकिन इस कम समय में ही वो चाहें तो विकास की झलकियां दिखा सकती हैं.

जंगल में कहां से आया सोना और नोटों का जखीरा, कांस्टेबल से कैसे धनकुबेर बना सौरभ शर्मा?     |     नींद में था पूरा परिवार, झोपड़ी में लग गई आग: जिंदा जलने से 3 लोगों की मौत     |     प्राण प्रतिष्ठा के एक साल… 3 दिन तक राममय होगी अयोध्या, कैसी है तैयारी?     |     राजगीर महोत्सव: जुबिन नौटियाल की आवाज सुनने के लिए बेकाबू हुई भीड़, तोड़ी कुर्सियां     |     बावली कुएं की खुदाई में मिलीं 2 सुरंगें, भवन… तहखाने के मिलने की भी आशंका     |     राहुल गांधी ने बाउंसर जैसा अटैक किया… अब कैसी है मुकेश राजपूत और प्रताप सारंगी की हालत, गिरिराज सिंह ने बताया     |     जीवनभर मिलेगी राम मंदिर के मुख्य पुजारी को सैलरी, कभी था 100 रुपये वेतन… अब बढ़कर हुआ इतना     |     दिल्ली में संदिग्ध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई, 175 की हुई पहचान, क्या होगा पुलिस का अगला एक्शन?     |     सपा विधायक के बिगड़े बोल, बीजेपी को बताया ‘हिंदू आतंकवादी संगठन’     |     केजरीवाल कभी नहीं बन सकते सीएम…कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने ऐसा क्यों कहा?     |