प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गणेश पूजा विवाद पर पहली बार बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मेरी गणेश पूजा से कुछ लोगों को दिक्कत है. समाज को बांटने वालों को पूजा से परेशानी है. विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि नफरत भरी सोच पर अंकुश जरूरी है. पीएम मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में ये बयान दिया. दरअसल, प्रधानमंत्री CJI डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणेश पूजा में शिरकत किए थे. पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर तस्वीर जारी की थी. CJI के कार्यक्रम में पीएम मोदी का पहुंचना विपक्षी पार्टियों को रास नहीं आया. शिवसेना (UBT) और कांग्रेस ने इसे महाराष्ट्र चुनाव से जोड़ दिया.
विपक्ष के हमले का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है. कांग्रेस और उसके ईको सिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं क्योंकि मैंने गणपति पूजा में हिस्सा लिया था. कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है वहां इन्होंने और बड़ा अपराध किया. वहां गणेश प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया. ऐसी नफरती ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है.
पीएम मोदी ने और क्या कहा?
पीएम मोदी ने आगे कहा, गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है. गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी. जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया था. तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था. ऊंच, नीच, भेद-भाव… इन सब से ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है.
विपक्ष का बयान भी जान लीजिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पहुंचे और गणपति पूजन में भाग लिया. सीजेआई और उनकी पत्नी ने मराठी टोपी पहनकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया था. पीएम मोदी ने आध्यात्मिक माहौल में भगवान गणेश की आरती भी की. इसके बाद विपक्ष ने पीएम पर निशाना साधा.
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि इस तरह का कोई वाकया (प्रधानमंत्री का प्रधान न्यायाधीश के घर जाना) अभी तक सुनने को नहीं मिला था. मैं चकित भी थी, लेकिन मुझे अदालतों पर पूरा भरोसा है और आदरणीय सीजेआई ने प्रधानमंत्री को आमंत्रित करने से पहले जरूर विचार किया होगा. वहीं, शिवसेना यूबीटी नेता और सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी यात्रा महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई में देरी और सुप्रीम कोर्ट की कथित चयनात्मक स्वत: संज्ञान कार्रवाई से जुड़ी है.