मंदसौर। मंदसौर जिले की पुलिस डोडाचूरा, अफीम व स्मैक को जब्त करने में तो सिद्धहस्त है पर कुछ ही वर्षों में चलन में आई एमडीएमए सिंथेटिक ड्रग की पहचान करने वाले एक्सपर्ट पुलिसकर्मी नहीं है। जिले में पुलिस के पास पर्याप्त जांच के लिए किट नहीं है। मिश्री की डली जैसी दिखने वाली एमडीएमए की प्रारंभिक पहचान भी हर कोई नहीं कर सकता है। यही कारण है कि मंदसौर में एमडी का नशा काफी तेजी से फैलता गया और पुलिस इसे पकड़ भी नहीं पाई।
वहीं, पुलिस के सूत्र यह भी बता रहे हैं कि भोपाल से आई गुजरात एटीएस की भनक हरीश का साथ देने वाले पुलिसकर्मियों को लग जाती, तो वह घर पर नहीं मिलता। जिले में कुछ पुलिसकर्मियों का सपोर्ट व उप मुख्यमंत्री का राजनीतिक वरदहस्त होने के कारण ही हरीश इस मुगालते में था कि अपना कुछ नहीं बिगड़ेगा।
राजस्थान के रास्ते मध्य प्रदेश में आती थी ड्रग्स
- सिंथेटिक ड्रग एमडीएमए राजस्थान के सीमावर्ती गांवों अखेपुर व देवल्दी में पहुंचती है। देवल्दी का शोएब लाला व अखेपुर में रहने वाले कुछ लाला पठान ही एमडीएमए ड्रग को नेटवर्क के जरिए खपा रहे हैं।
- हरीश आंजना व प्रेमसुख पाटीदार भी शोएब लाला के संपर्क में आने के बाद इस नेटवर्क से जुड़ गए थे। धीरे-धीरे भोपाल के सान्याल और चतुर्वेदी से जुड़कर तस्करी के नेटवर्क के बड़े खिलाड़ी बन गए।
- जिले की पुलिस, नारकोटिक्स विंग में पदस्थ अधिकांश अधिकारियों व कर्मचारियों की परेशानी यह है कि एमडीएमए ड्रग की पहचान नहीं है।
भाजपा-कांग्रेस दोनों से जुड़ा है प्रेमसुख पाटीदार
हरीश आंजना का मुख्य साथी प्रेमसुख पाटीदार बुधवार को भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर ही रहा। पुलिस को उसकी आखिरी लोकेशन डिगांव की मिली थी, उसके बाद से फरार है। हरीश व प्रेमसुख के राजनेताओं के कनेक्शन से जिले सहित प्रदेश स्तर तक राजनीतिक हलचल मची हुई है।
हरीश आंजना के साथ उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की अनेक तस्वीरे इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हो रही है। फरार आरोपित प्रेमसुख पाटीदार का कांग्रेस व भाजपा के नेताओं से संबंध जुड़ रहा है। प्रेमसुख पाटीदार सुवासरा विधानसभा से दो बार चुनाव लड़ चुके कांग्रेस नेता राकेश पाटीदार का साला है।
वहीं उसकी एक बहन हथुनिया के दमदार भाजपा नेता बंशीलाल पाटीदार की बहू है। बंशीलाल पाटीदार का क्षेत्र में अच्छा रसूख है। उप मुख्यमंत्री से भी वह सीधे जुड़े हुए है। इधर सुवासरा विस में 2020 के उपचुनाव व 2023 के विस चुनाव में राकेश पाटीदार के प्रबंधन का कार्य प्रेमसुख पाटीदार ही देख रहा था।