बिहार के सीतामढ़ी जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के बाद एक समुदाय के दो गुटों के बीच हुई झड़प के संबंध में पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसे कुछ लोगो के बयान के आधार पर मृत मान लिया गया था। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मंगलवार को हुई इस घटना में दो लोगों की मौत बात कही थी लेकिन बुधवार को एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की गयी और भ्रम की स्थिति के लिए व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को दोषी ठहराया गया।
सीतामढ़ी सदर के अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) रामकृष्ण ने मीडिया को बताया कि भगत मांझी के परिवार के सदस्यों ने दावा किया था कि मुजफ्फरपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई लेकिन जांच में पता चला कि मांझी जीवित है। उन्होंने बताया कि मांझी को हिरासत में ले लिया गया और मामले की जांच की जा रही है। अधिकारी ने बताया, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि मांझी के परिवार के सदस्यों द्वारा जांचकर्ताओं को गुमराह करने का प्रयास किया गया था।”