जम्मू-कश्मीर के एक बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा किपिछले 8 सालों में नेशनल कांफ्रेंस को कमजोर करने की नहीं, बल्कि मिटाने की कोशिश की गई थी. किसी ने सोचा नहीं था कि जम्मू कश्मीर के चुनाव के बाद यह नतीजा होगा. जम्मू कश्मीर के लोगों को आज सलाम करना चाहता हूं, जिस तरीके से उन्होंने अपने वोटो का इस्तेमाल किया. साल 2018 में लोगों की चुनी हुई सरकार जब चली गई, तो लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन आज मैं लोगों को यकीन दिलाना चाहता हूं कि मैं जम्मू-कश्मीर के लिए काम करूंगा.
उन्होंने आगे कहा कि मैंने पहले दिन से कहा था कि यह हुकूमत सबकी होगी. इसमें नुमाइंदे सबके होंगे, इसमें आवाज सबकी होगी और हम खिदमत (सेवा) सिर्फ उन लोगों की नहीं करेंगे, जिन्होंने नेशनल कांफ्रेंस को वोट दिए हम खिदमत करेंगे तो पूरे जम्मू कश्मीर की आवाम की खिदमत करेंगे. डिप्टी सीएम बनाना कोई मजबूरी नहीं थी हमारी लेकिन हमने जम्मू का डिप्टी सीएम बनाया.
मुसलमानों की पार्टी पर जवाब
उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि यह उन लोगों के लिए जवाब है जो पिछले इलेक्शन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ अंगुली उठाकर यह कहते थे कि नेशनल कॉन्फ्रेंस मुसलमानों की पार्टी है. इस पार्टी में मुसलमानों के अलावा किसी के लिए जगह नहीं है. कहते थे कि यह कश्मीरियों की जमात है. यहां जम्मू का कोई नहीं होगा, खानदानी लोग हैं, जिन्हें खानदान के अलावा कुछ नहीं दिखता है. अब हमें जब डिप्टी सीएम बनाना था, तो हमने जम्मू से बनाया और हिंदू बनाया. मेरे खानदान से उनका कोई लेना-देना नहीं था.
जनता के लिए कही यह बात
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने अभी तक हुकूमत में आने का कोई फैसला नहीं लिया है, जिस तरीके से परिसीमन आयोग करवाया गया था ताकि एक पार्टी को फायदा हो. अब हमारे लिए मुश्किल का काम शुरू हो जाता है क्योंकि अब हमें लोगों के लिए काम करना है लोगों की जितनी भी परेशानी है उसको दूर करना है. जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांग्रेस ने गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी.