हिन्दू धर्म में करवा चौथ का पर्व पति-पत्नी के पवित्र बंधन का प्रतीक माना जाता है. करवा चौथ के मौके पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए विधि-विधान से निर्जला व्रत रखती हैं. पूजा के दौरान कई तरह की परंपराएं और रीति-रिवाज निभाए जाते हैं, जिनमें से एक है करवा चौथ माता की फोटो के साथ पूजा करना. पुरानी फोटो के साथ पूजा करने के विषय में कई लोगों के मन में सवाल उठते हैं कि क्या पुरानी फोटो के साथ पूजा करना सही है और क्या इससे पति की उम्र पर कोई असर पड़ सकता है?
पंचांग के अनुसार, करवा चौथ पर चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 46 मिनट से शुरू हो चुकी है और 21 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में शाम होने के बाद से ही महिलाओं को चांद के निकलने का इंतजार रहता है. इस बार चांद देखने के लिए चंद्रमा का उदय शाम 7 बजकर 40 मिनट पर हो जाएगा.
अगर महिलाएं करवा चौथ का व्रत रख रही है और करवा चौथ की पूजा के लिए पुरानी फोटो उपयोग करना चाहती हैं तो उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है. वह पुरानी फोटो के साथ भी करवा चौथ की पूजा कर सकती हैं. अगर किसी महिला को पुरानी फोटो नहीं बल्कि नई फोटो के साथ पूजा करना चाहती हैं तो वे नई तस्वीर के साथ भी पूजा कर सकती है.
ऐसी मान्यता है कि अगर महिलाएं नई फोटो के साथ करवा चौथ की पूजा करें तो पुरानी फोटो को फेंके नहीं बल्कि पुरानी तस्वीर को किसी नदी के बहते जल में प्रवाहित कर दें या फिर उसे जलाकर उसकी राख को किसी पौधे की मिट्टी में मिला दें. देवी-देवताओं का अपमान नहीं होता है और न ही इसका किसी पर कोई प्रभाव पड़ता है.
फोटो सिर्फ एक है प्रतिबिंब
धर्म ग्रंथों के अनुसार, महिलाएं किसी भी देवी-देवताओं की फोटो के माध्यम से वे अपने पति के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव महसूस करती हैं और पूजा के दौरान उनकी उपस्थिति का अनुभव करती हैं. फोटो सिर्फ एक प्रतिबिंब है, लेकिन यह पति के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, फोटो पुरानी हो या नई इसका लोगों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं होता है. पूजा का फल व्यक्ति की भक्ति और श्रद्धा पर निर्भर करता है. मनोविज्ञान के अनुसार, पुरानी फोटो देखने से सकारात्मक भावनाएं उत्पन्न होती हैं और यह व्यक्ति को मानसिक शांति प्रदान करती है.
पुरानी फोटो के साथ भी कर सकते हैं पूजा
हिन्दू धर्म में किसी भी भगवान और देवी की फोटो की पूजा करना पूरी तरह से व्यक्तिगत विश्वास पर निर्भर करता है कि वह पुरानी फोटो के साथ पूजा करना चाहता है या नहीं. अगर आप पुरानी फोटो के साथ पूजा करके अधिक आध्यात्मिक अनुभव करते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. यदि आप चाहें तो नई फोटो के साथ भी पूजा कर सकते हैं. आप पूजा के दौरान पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना करें.