ब्रेकिंग
छठ महापर्व पर CM नीतीश कुमार ने दी बधाई… राज्य की प्रगति, सुख, शांति की कामना की न फोन, न जनता दरबार… लॉरेंस का डर और बदल गई पप्पू यादव की दिनचर्या दिल्ली में जहरीली हवा से मची हाय-तौबा, AQI लेवल सबसे खराब श्रेणी में, कब आएगी सर्दी… जानें UP-बिहार ... दिशा मीटिंग में हुए शामिल, शहीद चौक का किया उद्घाटन, राहुल गांधी के रायबरेली दौरे में क्या-क्या खास पुलिस चौकी के Toilet में नौजवान संग घुसी बूढ़ी औरत, बनाने लगे संबंध, वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप आशिक की बांहों में थी शादीशुदा बेटी, देखकर गुस्सा हुई मां… दोनों ने मिलकर कर दी हत्या CM योगी अपनी पसंद से चुनेंगे UP पुलिस का मुखिया, UPSC को नहीं भेजा जाएगा पैनल, कितने वर्ष होगा DGP क... महाराष्ट्र की वो सीट, जहां पंजा नहीं प्रेशर कुकर सिंबल पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस ‘हर प्राइवेट प्रॉपर्टी को सरकार नहीं ले सकती’, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला यूपी मदरसा एक्ट रहेगा बरकरार, योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, पलटा हाई कोर्ट का फैसला

कौन थे सिद्धू-कान्हू, जिनका झारखंड चुनाव में BJP ने किया जिक्र

शहीद सिद्धू-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू ने शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, लक्ष्मीकांत वाजपेयी और निशिकांत दुबे समेत संथाल के बीजेपी प्रत्याशियों की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामा. अब आरोप लग रहे हैं कि उन्हें जबरदस्ती बीजेपी में शामिल कराया गया है. इसको लेकर निशिकांत दुबे ने जवाब देते हुए कहा कि पहले देश को यह जानने की जरूरत है कि शहीद सिद्धू-कान्हू कौन थे.

उन्होंने शहीद सिद्धू-कान्हू के बारे में बात करते हुए कहा कि अंग्रेजों को जो भारत छोड़ने के लिए पहली 1857 की क्रांति हुई थी. उससे पहले सिद्धू-कान्हू ने अंग्रेजों को अल्टीमेटम दिया कि आपको देश छोड़ना पड़ेगा. उस वक्त जो संथाल के कलेक्टर थे. उन्होंने बहुत अच्छी बात लिखी कि तीन मीटिंग वायसराय करना चाहते थे. उन्होंने तीन बार अपने लोगों को भेजा कि इस तरह की बातें न करें, जब वह नहीं मानें उन्होंने कहा कि हम किसी भी हाल में अंग्रेजों की गुलामी नहीं करेंगे. इसके बाद उन्होंने अपनी शहादत दे दी.

JMM-कांग्रेस के सामने क्या झुकेंगे?

निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि जब वह अंग्रेजों के सामने नहीं झुके, तो यह झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस के सामने क्या झुकेंगे. अगर वह बीजेपी की विचारधारा में आए हैं, तो जबरदस्ती कोई कर नहीं सकता. मंडल मुर्मू कितने जरूरी होंगे. आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि मुख्यमंत्री ने उन्हें अपना प्रस्तावक बनाया. कोई भी अगर चुनाव में अपना प्रस्तावक बनाता है, तो किसी महत्वपूर्ण को बनाता है.

मंडल मुर्मु को लेकर कही यह बात

उन्होंने यह भी कहा कि सिद्धू-कान्हू परिवार में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा लड़का मंडल मुर्मु हैं, जो इंजीनियर हैं. ऐसा नहीं है कि गांव का कोई लड़का है, जो चीजों को समझता है. उसको यह अंदाजा लग गया कि संथाल में जब 1951 में जब जनगणना हुई, तो 45 प्रतिशत आदिवासियों की आबादी थी. आज जब 2011 की जनगणना हुई तो 28 प्रतिशत रह गई और जब यह आगे होगी आबादी सिर्फ 24-25 प्रतिशत रह जाएगी, जो वहां की लड़कियां हैं. उनके साथ बांग्लादेशी घुसपैठी शादियां कर रहे हैं, जबरदस्ती बलात्कार कर रहे हैं, जो जमीन है उसको लूटा जा रहा है.

बांग्लादेशी घुसपैठियों का बोलबाला

यही नहीं निशिकांत दुबे आगे कहा कि चारों तरफ बांग्लादेशी घुसपैठियों का बोलबाला है और हेमंत सोरेन की सरकार हमेशा वोट बैंक की राजनीति में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बढ़ावा दे रही है. यदि समाज अभी नहीं जगा, तो आदिवासियों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.क्योंकि JMM का इतिहास क्या है, जिसने झारखंड बनाने का विरोध किया. आज वह उसके साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है. उसकी सरकार में वो शामिल है.

छठ महापर्व पर CM नीतीश कुमार ने दी बधाई… राज्य की प्रगति, सुख, शांति की कामना की     |     न फोन, न जनता दरबार… लॉरेंस का डर और बदल गई पप्पू यादव की दिनचर्या     |     दिल्ली में जहरीली हवा से मची हाय-तौबा, AQI लेवल सबसे खराब श्रेणी में, कब आएगी सर्दी… जानें UP-बिहार समेत आपके शहर का हाल     |     दिशा मीटिंग में हुए शामिल, शहीद चौक का किया उद्घाटन, राहुल गांधी के रायबरेली दौरे में क्या-क्या खास     |     पुलिस चौकी के Toilet में नौजवान संग घुसी बूढ़ी औरत, बनाने लगे संबंध, वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप     |     आशिक की बांहों में थी शादीशुदा बेटी, देखकर गुस्सा हुई मां… दोनों ने मिलकर कर दी हत्या     |     CM योगी अपनी पसंद से चुनेंगे UP पुलिस का मुखिया, UPSC को नहीं भेजा जाएगा पैनल, कितने वर्ष होगा DGP का कार्यकाल?     |     महाराष्ट्र की वो सीट, जहां पंजा नहीं प्रेशर कुकर सिंबल पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस     |     ‘हर प्राइवेट प्रॉपर्टी को सरकार नहीं ले सकती’, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला     |     यूपी मदरसा एक्ट रहेगा बरकरार, योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, पलटा हाई कोर्ट का फैसला     |