भागलपुर में 2 नवंबर की रात काली प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई एक घटना के मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक युवक हाथ मे झंडा लिए इमामबाड़ा के बाजू वाली दीवार पर चढ़कर उसे फहराता हुआ दिख रहा है. मस्जिद के ऊपर झंडा फहराने के मामले में अब सियासत भी गरमा रही है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी घटना को लेकर ट्वीट किया है और इसे बीजेपी और आरएसएस के लोगों का काम बताया है.
यह पूरा मामला नाथनगर के ललमटिया थाना क्षेत्र के टमटम चौक के पास बने इमामबाड़ा के सामने का है. जहां 2 नवंबर की रात को काली विसर्जन का जुलूस निकल रहा था. जब जुलूस इमामबाड़ा के सामने से निकला तो एक नाबालिग ने बगल वाली दीवार पर चढ़ कर भगवा झंडा लहरा दिया. जिसके बाद सांप्रदायिक माहौल बिगड़ गया. मूर्ति को भी दो घंटे तक रोककर रखा गया. हालांकि प्रशासन ने दोनों पक्षों को समझाया जिसके बाद मूर्ति का विसर्जन कराया गया. झंडा लहराने वाले नाबालिग को ललमटिया थाना पुलिस ने पकड़ लिया. नाबालिग से फिलहाल पूछताछ की जा रही है.
बिजली का तार ऊपर करने में बवाल
घटना की सच्चाई को जानने के लिए TV9 की टीम ललमटिया थाना क्षेत्र के टमटम चौक के समीप मोहल्ले में पहुंची. जहां जुलूस में शामिल हुए लोगों ने घटना की सच्चाई बयां की. स्थानीय निवासी जगदीश प्रसाद ने बताया कि किसी भी गलत मंशा से ऐसा कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि जब जुलूस निकल रहा था तो लड़के ने बिजली के तारों को देखा और उन्हें ऊपर करने की कोशिश की.
लड़के ने मुस्लिम समुदाय के लोगों ले पूछा और चप्पल खोलकर मस्जिद की बाजू वाली दीवार पर चढ़ गया. उसने डंडा मांगा तो किसी ने झंडा पकड़ा दिया. जिसके बाद उसने बिजली के तारों को ऊपर किया और झंडे से ही आगे जाने का इशारा कर दिया. इसी वजह से सारी गलतफहमी हुई है. जगदीश प्रसाद ने बताया कि भागलपुर के सनहौला में मुस्लिम समुदाय के युवक के द्वारा मंदिर की मूर्तियों को तोड़ा गया था तब किसी ने राजनीतिक तूल नहीं दिया और बाद में युवक को पागल घोषित कर दिया था.
परिजनों ने कहा-सच्चाई आए सामने
घटनास्थल के पास रहने वाले गौरव कुमार ने बताया कि हम लोग वहीं थे वहां पर मुस्लिम समुदाय के लोग भी बैठे हुए थे. उन्होंने भी वही घटना बताई है जो कि जगदीश प्रसाद बता रहे हैं. गौरव कुमार ने कहा कि लड़के की कोई गलत मंशा नहीं थी. उन्होंने कहा कि इलाके में हिंदू-मुस्लिम सभी मिलजुल कर रहते हैं. वही झंडा लहराने वाले युवक की मां और उसकी चाची ने बताया कि विसर्जन जुलूस में वह गया था. उन्होंने कहा कि किसी ने उसे लाठी की जगह झंडा थमा दिया था. उसी वक्त वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया गया. परिजन चाहते हैं कि सच्चाई लोगों के सामने आए और उनके परिवार को इंसाफ मिले.