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सम्भल हिंसा का मास्टरमाइंड कौन? जिसके एक इशारे पर दहल गया पूरा शहर… इन 7 एंगल पर हो रही जांच

उत्तर प्रदेश में रविवार को सम्भल जिले (Sambhal Video) की शादी मस्जिद के सर्वे (Shahi Masjid Survey) के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने अपनी जांच और तेज कर दी है. पुलिस ने मोबाइल सीसीटीवी और ड्रोन कैमरा से 100 से ज्यादा पत्थर बाजों की पहचान की है. इनमें से 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने जिन 27 आरोपियों को पकड़ा है उनमें कुछ नाबालिग लड़के भी शामिल हैं. पुलिस ने सम्भल में पुलिस बल पर पथराव और हिंसा फैलाने के आरोप में तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है. इस केस में पुलिस 7 एंगल पर जांच कर रही है, जिससे मास्टरमाइंड का पता लगाया जा सके.

सम्भल हिंसा मामले में पुलिस ने अलग-अलग FIR दर्ज की हैं. जिनमें से एक FIR में सम्भल के सांसद जियाउर रहमान वर्क और संभल से विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल का नाम शामिल है.

सम्भल हिंसा में मारे गए चार युवकों के परिवार वालों की शिकायत पर पुलिस ने अलग से भी FIR दर्ज की है. इन सभी के अलावा सम्भल पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन करने के लिए एक और FIR भी अलग से दर्ज की है, जिसमें हिंसा की पूरी जानकारी है.

पुलिस ने हिंसा के जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें से तीन आरोपी ऐसे हैं जिन्हें पुलिस ने जब पकड़ा तो उनकी आंखों के ऊपर और नीचे एक हरे रंग का लोशन लगा हुआ था.

पुलिस ने जब उन पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की तो उन आरोपियों ने पुलिस को बताया कि ये हरे रंग का लोशन उन्होंने आंसू गैस से बचने के लिए लगाया हुआ है. इस हरे रंग के लोशन को लगाने से उनकी आंखों पर आंसू गैस का असर कम हो जाता है. पुलिस बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है.

अब तक सम्भल हिंसा में 5 लोगों की मौत और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इस हिंसा में अब तक पुलिस ने 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. CCTV से 74 दंगाइयों की पहचान की गई है. पुलिस की FIR में 700-800 अज्ञात आरोपी भी शामिल हैं. उधर इस मामले में योगी सरकार भी सख्त नजर आई है. गिरफ्तारी के लिए उपद्रवियों के पोस्टर लगेंगे और इन पर इनाम भी घोषित किया जा सकता है. बड़ा सवाल ये है कि आखिर इस हिंसा का मास्टरमाइंड कौन है? फिलहाल इस सवाल का जवाब पुलिस 7 एंगल से जांच करके तलाशने की कोशिश कर रही है.

सम्भल हिंसा में पुलिस की जांच के 7 एंगल-

पहला एंगल- पुलिस इस बात की सबसे पहले जांच कर रही है कि हिंसा वाले दिन जमा मस्जिद के आसपास भीड़ किस के कहने पर इकट्ठा हुई?

दूसरा एंगल- पुलिस की जांच के लिए दूसरा सवाल यह है की मौके पर मौजूद भीड़ को हिंसा के लिए किसने उकसाया? पुलिस सम्भल की शाही जामा मस्जिद के आसपास के इलाकों में लगे मोबाइल डेटा की जानकारी इकट्ठा करने में लगी है ताकि ये पता लगाया जा सके कि हिंसा के समय कितने मोबाइल नंबर एक्टिवेट थे और उनके डेटा और डंप डेटा को भी पुलिस इक्कठा कर रही है जो पुलिस जांच का अहम हिस्सा है.

तीसरा एंगल- सम्भल पुलिस हिंसा के दौरान दंगाइयों द्वारा तोड़े गए CCTV कैमरों के DVR जप्त कर उनकी फुटेज रिकवर कर रही है ताकि दंगाइयों की पहचान हो सके.

चौथा एंगल- सम्भल पुलिस ने अभी तक 27 मोबाइल फोन को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजे हैं, ताकि इस फोन में से डिलीट डेटा को रिकवर कर ये पता लगाया जा सके कि हिंसा से पहले क्या दंगों की प्लानिंग पहले से की गई थी?

पांचवां एंगल- सम्भल पुलिस ने कुछ सोशल मीडिया हैंडल को आइडेंटिफाई किया है. अब पुलिस इन सोशल मीडिया हैंडल के द्वारा पोस्ट की गई वीडियो मैसेज को एनालाइज कर रही है.

छठा एंगल- सम्भल पुलिस ने हिंसा के समय के सीसीटीवी कैमरों, मोबाइल वीडियो और ड्रोन कैमरे की फुटेज को खंगालने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई है ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके.

सातवां एंगल- सम्भल पुलिस रविवार को हुई हिंसा के मामले में जल्द ही स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज करेगी ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.

जिले की सीमाएं हुई सील

सम्भल में हुई हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि 30 नवंबर तक बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक रहेगी. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज संभल जा सकते हैं, इसकी सूचना के बाद से ही जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया है. इसके साथ ही प्रशासन द्वारा वाहन चैकिंग के बाद ही शहर में एंट्री दी जा रही है.

क्या है पूरा मामला?

सम्भल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को सर्वे किए जा रहा था. इसका विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे और हिंसा शुरू हो गई. हिंसा के बाद व्याप्त तनाव को देखते हुए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी.

एक स्थानीय अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद का सर्वे किया गया था. जिसके बाद से सम्भल में पिछले कुछ दिनों से तनाव था. रविवार को सर्वे करने वाली टीम दोबारा मस्जिद का सर्वे करने गई थी. स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था.

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