ब्रेकिंग
संसद धक्का-मुक्की कांड: क्राइम ब्रांच करेगी मामले की जांच, राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज FIR भी सौंपी गई एक देश-एक चुनाव के लिए JPC घोषित, पीपी चौधरी बने अध्यक्ष, 27 लोकसभा और 12 राज्यसभा सांसद शामिल नौकर निकला चोर… ज्वेलरी शॉप से लिए 1.5 करोड़ के सोने के बिस्किट, नानी के घर छिपाए, बोला-लूट ले गए बद... कौन हैं UP के विशेष सचिव IAS रजनीश चंद्र, जिन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी बैठने की सजा महिला को पार्सल में मिली लाश, लेटर में लिखा- 1.30 करोड़ दो, वरना यही अंजाम तुम्हारा भी होगा ‘शादी करोगी मुझसे’… छात्रा ने किया इनकार तो घर में घुसकर मारी गोली, हालत गंभीर नए साल पर नैनीताल, कानाताल, औली, रानीखेत और मसूरी में कैसा रहेगा मौसम? क्या मुंबई के आरे जंगल में और पेड़ काटने का प्रस्ताव है? SC का महाराष्ट्र सरकार से सवाल दिल्ली के नरेला में मर्डर! अपार्टमेंट में घुसे 4 लोग, चाकू घोंपकर की शख्स की हत्या हाथरस सत्संग भगदड़: SIT ने कोर्ट में पेश की 3200 पन्नों की जांच रिपोर्ट, 121 लोगों की हुई थी मौत; 11...

हमारी विरासत पर हमला है… अजमेर दरगाह मामले को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने PM मोदी को लिखा पत्र

राजस्थान में एक स्थानीय अदालत की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वे का आदेश देने के कुछ दिनों बाद पूर्व नौकरशाहों और राजनयिकों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र में पीएम मोदी से उन सभी ‘अवैध और हानिकारक’ गतिविधियों को रोकने लगाने के लिए हस्तक्षेप की मांग की गई है, जो भारत की सभ्यतागत विरासत पर ‘वैचारिक हमला’ हैं और एक समावेशी देश के विचार को विकृत करती हैं.

पूर्व नौकरशाहों और राजनयिकों के ग्रुप ने दावा किया कि सिर्फ प्रधानमंत्री ‘सभी अवैध, हानिकारक गतिविधियों’ को रोक सकते हैं. उन्होंने पीएम मोदी को याद दिलाया कि उन्होंने खुद 12वीं शताब्दी के संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स के अवसर पर शांति और सद्भाव के उनके संदेश को सम्मान देते हुए ‘चादर’ भेजी थी.

पूर्व नौकरशाहों को इस ग्रुप में कौन-कौन?

समूह में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, ब्रिटेन में भारत के पूर्व उच्चायुक्त शिव मुखर्जी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, सेना के पूर्व उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दीन शाह और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर रवि वीरा गुप्ता शामिल हैं.

उन्होंने 29 नवंबर को प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि कुछ अज्ञात समूह हिंदू हितों का प्रतिनिधित्व करने का दावा कर रहे हैं और यह साबित करने के लिए मध्ययुगीन मस्जिदों तथा दरगाहों के पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग कर रहे हैं कि इन स्थलों पर पहले मंदिर हुआ करते थे. समूह ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम के स्पष्ट प्रावधानों के बावजूद अदालतें भी ऐसी मांगों पर अनुचित तत्परता और जल्दबाजी के साथ प्रतिक्रिया देती नजर आती हैं.

’12वीं सदी की दरगाह के सर्वेक्षण का आदेश देना अकल्पनीय’

समूह ने कहा, ‘उदाहरण के लिए, एक स्थानीय अदालत का सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की 12वीं सदी की दरगाह के सर्वेक्षण का आदेश देना अकल्पनीय लगता है, जो एशिया में न केवल मुसलमानों के लिए, बल्कि उन सभी भारतीयों के लिए सबसे पवित्र सूफी स्थलों में से एक है, जिन्हें हमारी समन्वयवादी और बहुलवादी परंपराओं पर गर्व है.’

विचार को बताया हास्यास्पद

उसने कहा, ‘यह विचार ही हास्यास्पद है कि एक भिक्षुक संत, एक फकीर, जो भारतीय उपमहाद्वीप के अद्वितीय सूफी-भक्ति आंदोलन का एक अभिन्न अंग था और करुणा, सहिष्णुता और सद्भाव का प्रतीक था, अपने अधिकार का दावा करने के लिए किसी भी मंदिर को नष्ट कर सकता था.’

27 नवंबर को कोर्ट ने ASI को भेजा नोटिस

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा यह दावा करने के बाद कि दरगाह मूल रूप से एक शिव मंदिर था, अजमेर की एक सिविल अदालत ने 27 नवंबर को अजमेर दरगाह समिति, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को नोटिस जारी किया था.

संसद धक्का-मुक्की कांड: क्राइम ब्रांच करेगी मामले की जांच, राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज FIR भी सौंपी गई     |     एक देश-एक चुनाव के लिए JPC घोषित, पीपी चौधरी बने अध्यक्ष, 27 लोकसभा और 12 राज्यसभा सांसद शामिल     |     नौकर निकला चोर… ज्वेलरी शॉप से लिए 1.5 करोड़ के सोने के बिस्किट, नानी के घर छिपाए, बोला-लूट ले गए बदमाश     |     कौन हैं UP के विशेष सचिव IAS रजनीश चंद्र, जिन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी बैठने की सजा     |     महिला को पार्सल में मिली लाश, लेटर में लिखा- 1.30 करोड़ दो, वरना यही अंजाम तुम्हारा भी होगा     |     ‘शादी करोगी मुझसे’… छात्रा ने किया इनकार तो घर में घुसकर मारी गोली, हालत गंभीर     |     नए साल पर नैनीताल, कानाताल, औली, रानीखेत और मसूरी में कैसा रहेगा मौसम?     |     क्या मुंबई के आरे जंगल में और पेड़ काटने का प्रस्ताव है? SC का महाराष्ट्र सरकार से सवाल     |     दिल्ली के नरेला में मर्डर! अपार्टमेंट में घुसे 4 लोग, चाकू घोंपकर की शख्स की हत्या     |     हाथरस सत्संग भगदड़: SIT ने कोर्ट में पेश की 3200 पन्नों की जांच रिपोर्ट, 121 लोगों की हुई थी मौत; 11 लोग हुए थे गिरफ्तार     |