मध्य प्रदेश के भोपाल में रियल एस्टेट कारोबारी त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा के कई ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी की कार्रवाई जारी है. उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर भी रेड की गई है. जांच टीम को राजेश शर्मा के अब तक 10 लॉकर्स की जानकारी मिली है. इसके अलावा भारी मात्रा में ज्वेलरी मिली है.
टीम ने भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में 52 ठिकानों पर छापेमारी की है. इनमें से 49 ठिकाने भोपाल के हैं, इंदौर में 2 और ग्वालियर में 1 बिल्डर के यहां छापा मारा गया है. टीम को रातीबड़ क्षेत्र के मेंडोरा के जंगल में एक लावारिस हालत में क्रेटा गाड़ी मिली, जिसमें दो बैग में करीब 52 किलो सोना जब्त किया गया है. इसकी कीमत भारतीय बाजार में लगभग 42 करोड़ रुपये आंकी गई है. साथ ही दस करोड़ कैश भी जब्त हुआ है.
त्रिशूल कंस्ट्रक्शन ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी
भोपाल में रियल एस्टेट कारोबारी क्वालिटी ग्रुप, ईशान ग्रुप और राजेश शर्मा के त्रिशूल कंस्ट्रक्शन ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी हुई है. वहीं, ग्वालियर में रामवीर सिकरवार के यहां छापे डाले गए हैं. रामवीर के यहां कुछ महीने पहले ईडी की रेड भी पड़ चुकी है. रामवीर प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने का काम करते हैं. उनके पास से 5 एकड़ जमीन खरीदने के दस्तावेज भी मिले हैं. इनके अलावा ओर भी ठिकानों पर कार्रवाई जारी है.
जांच टीम को राजेश शर्मा के अब तक 10 लॉकर्स की जानकारी मिली है. इसके अलावा भारी मात्रा में ज्वेलरी मिली है. इसका वैल्यूएशन किया जाना बाकी है. ये कंपनियां भोपाल इंदौर के अतिरिक्त जबलपुर कटनी और रायपुर की हैं. निवेश में छत्तीसगढ़ के बड़े खनन कारोबारी का नाम भी सामने आया है. इनके अलावा 300 करोड़ रुपये के निवेश की जानकारी मिली है.
भोपाल के अलावा इंदौर, ग्वालियर में भी छापे भोपाल में नीलबड़, एमपी नगर, कस्तूरबा नगर, होशंगाबाद रोड, 10 नंबर मार्केट, मेंडोरी, मेंडोरा, आरपीएम टाउन में अलग-अलग ठिकानों पर जांच की गई. इंदौर में भी त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के आदित्य गर्ग के यहां छापेमारी हुई. ग्वालियर में रामवीर सिकरवार के यहां छापे की कार्रवाई की गई है.
खदानों के ठेके का काम
कंपनी को सीएम राइज स्कूल का ठेका भी मिला था. खनन और कंस्ट्रक्शन कारोबार से जुड़े राजेश शर्मा एक पूर्व मुख्य सचिव के करीबी माने जाते हैं. राजेश शर्मा त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक होने के साथ ही भोपाल में क्रशर संचालकों के संगठन का नेतृत्व भी करते हैं. वे राजधानी और आसपास के इलाकों में खदानों के ठेके और क्रशर संचालन का काम भी करते रहे हैं. राजेश शर्मा की सत्ता पक्ष के कई नेताओं से दोस्ती है. इसके चलते ही उन्हें सीएम राइज स्कूलों के कंस्ट्रक्शन का भी काम मिला है. रायसेन का सीएम राइज स्कूल इनकी कंपनी ही बना रही है.