ओडिशा के मयूरभंज से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां के एक गांव में राशन कार्ड से मिलने वाले चावल के बंटवारे को लेकर हुए विवाद में बेटे ने अपनी मां की बेरहमी से हत्या कर दी. उसने धारदार हथियार से हमला करा मां को मार डाला. आरोपी ने वारदात के बाद सुसाइड करने की कोशिश की. परिवार के लोगों ने उसे बचा लिया. घटना जिले के बारिपदा सदर थाना क्षेत्र के सरतचंद्रपुर गांव की है.
मृतक महिला की पहचान रायबरी सिंह के रूप में हुई है, जिन्हें उनके बेटे रोहितास सिंह ने धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया. घटना के बाद रोहितास ने आत्महत्या करने के लिए उसी हथियार से अपनी गर्दन पर वार किया. हालांकि, उसकी जान बचा ली गई और अब वह गंभीर हालत में पीआरएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पुलिस की निगरानी में इलाज करा रहा है.
राशन कार्ड के चावल बना विवाद
घटनास्थल से मिली जानकारी के अनुसार, परिवार पहले से ही आपसी विवादों में उलझा हुआ था. गुरुवार को रोहितास ने अपनी मां से राशन कार्ड पर मिले चावल में से 10 किलो चावल मांगे, लेकिन मां ने उसे देने से इनकार कर दिया. इसी बात पर विवाद इतना बढ़ गया कि रोहितास ने गुस्से में आकर कुल्हाड़ी से अपनी मां पर हमला कर दिया.
परिवार में पहले से था तनाव
घटना के समय रोहितास का भाई लक्ष्मीकांत सिंह, जो दैनिक मजदूरी का काम करता है, घर पर मौजूद नहीं था. जब वह काम से वापस लौटा, तो उसने अपनी मां को मृत और भाई को गंभीर हालत में पाया. लक्ष्मीकांत ने तुरंत पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और हत्या में इस्तेमाल हथियार को जब्त कर लिया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘यह मामला पारिवारिक विवाद का नतीजा है. आरोपी रोहितास सिंह ने मां की हत्या के बाद आत्महत्या का प्रयास किया, लेकिन उसे समय पर अस्पताल ले जाया गया. फिलहाल आरोपी पुलिस हिरासत में है, और मामले की जांच जारी है.’
पुलिस ने किया केस दर्ज
इस दर्दनाक घटना से पूरे गांव में सनसनी फैल गई. ग्रामीणों ने इस पारिवारिक त्रासदी पर गहरा शोक व्यक्त किया है. लोगों ने बताया कि राशन कार्ड पर मिलने वाले चावल को लेकर परिवार में अक्सर विवाद होता रहता था. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि पारिवारिक विवाद और छोटी-छोटी बातों पर बढ़ते तनाव के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पारिवारिक संवाद और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद कर सकता है.