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गूगल-मेटा को झटका देने वाला चीनी AI टूल DeepSeek क्या-क्या करता है?

चीन के AI स्टार्टअप DeepSeek दुनिया को हिला दिया है. डेढ़ साल पहले शुरू हुए इस स्टार्टअप के हालिया दो मॉडल ने अमेरिका की मेटा, ओपन एआई और गूगल जैसी टॉप टेक कंपनियों के होश उड़ा दिए हैं. दावा किया जा रहा है कि चीनी एआइ कंपनी डीपसीक अमेरिकी एआइ कंपनियों के मॉडल से कहीं ज्यादा बेहतर है और ये दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकते हैं.

चीनी एआई कंपनी ने अपने दो मॉडल डीपसीक R1 और डीपसीक V3 को हाल में रिलीज किया. इसके बाद अमेरिका की टेक कंपनियों के शेयर में गिरावट दर्ज की गई है. जानिए, डीपसीक क्या-क्या करता है, इससे क्यों डर रही हैं दुनिया की दिग्गज कंपनियां?

क्या-क्या करता है DeepSeek?

DeepSeek एक चीनी एआइ कंपनी है. चीन के दक्षिण पूर्वी शहर हांगचो की इस कंपनी को 2023 में लॉन्चकिया गया था. हालांकि, इसके चर्चित एआई ऐप को अमेरिका में 10 जनवरी तक रिलीज नहीं किया गया था. इसकी नींव लिआंग वेनफेंग ने हेज फंड के जरिए रखी थी. 40 वर्षीय इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट लिआंग ने निवेशक जुटाकर इस कंपनी की शुरुआत की.

डीपसीक का एआई ऐप उसकी वेबसाइट और ऐपल के प्ले स्टोर पर उपलब्ध है. अपनी खास तरह की खूबियों के लिए कारण यह सबसे ज्यादा तेजी से डाउनलोड होने वाला ऐप बना. अब समझते हैं कि DeepSeek क्या-क्या करता है. यह एक आई असिस्टेंट हैं. यह वो सारे काम करता है जो Chatgpt करता है. यह सवालों के जवाब देता है, लेकिन दावा किया जाता है कि यह चैटजीपीटी से ज्यादा ताकतवर है. दूसरे एआइ प्लेटफॉर्म से कहीं ज्यादा बेहतर काम करता है.

बड़ी बात यह है कि डीपसीक अमेरिकी प्रतिद्वंद्वियों जैसे चैटजीपीटी और मेटा के लामा की तरह रिजल्ट दे रहा है. इतने कम समय में ऐसा करने वाला प्लेटफॉर्म बन गया. वो भी बहुत कम चिप्स का उपयोग करके और बहुत कम लागत पर. इसने चिंता पैदा कर दी कि एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए विशेष हार्डवेयर की तीव्र मांग अब कम हो जाएगी. यह एनवीडिया जैसी कंपनियों के लिए नकारात्मक है, जिन्होंने वैश्विक एआई बूम से मांग अनुमानों पर अपनी किस्मत बदल दी है.

क्यों डर रही हैं दिग्गज कंपनियां?

डीपसीक के हालिया रिलीज हुए मॉडल के बाद इसने अपने प्रतिद्वंद्वी चैटजीपीटी को पीछे छोड़कर टॉप रेटेड एप्लिकेशन बन गया. इतने कम समय में इसकी बढ़ती पॉपुलैरिटी ने अमेरिका की टॉप कंपनियों को डरा दिया है. दावा किया जा रहा है कि डीपसीक को बहुत कम बजट में तैयार किया गया है. इस तरह बेहद कम समय में अपना दबदबा बनाते हुए दूसरे एआई मॉडल को पीछे छोड़ना सबको चौंका रहा है. इसके पॉपुलर होने के पीछे की एक वजह कम कीमत है. डीपीसीक R1 की कीमत 0.55 डॉलर (करीब 47 रुपए) प्रति मिलियन इनपुट टोकन और 2.19 डॉलर (करीब 189 रुपए) प्रति मिलियन आउटपुट टोकन बताई गई है. इसके साथ ही दूसरे एआई प्लेटफॉर्म के भविष्य पर सवाल उठा रहा है.

बड़ी चिंता यह है कि चैटजीपीटी लॉन्च होने के बाद से एआई सेक्टर में चीन की पकड़ चौंकाने वाली है क्योंकि इस मामले में चीन को पिछड़ा हुआ समझा जा रहा था. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बाइडेन प्रशासन ने चीन में हाई-टेक चिप निर्यात और इन चिप्स के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली हाई-एंड मशीनों को रोककर चीनी एआई की प्रगति को धीमा करने की पूरी कोशिश की थी.

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