कितना खूंखार है पाकिस्तान का आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट, जो चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर बना रहा खतरनाक प्लान
पाकिस्तान में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी चल रही है. इसी बीच एक खुफिया रिपोर्ट ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने विदेशी नागरिकों को टार्गेट करने की साजिश रची है. रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी संगठन ने खासतौर पर चीनी और अरब नागरिकों को निशाना बनाने की योजना बनाई है.
खुफिया जानकारी के मुताबिक, ISKP शहर के बाहरी इलाकों में किराए पर घर लेने की योजना बना रहा है, जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं और केवल रिक्शा या मोटरसाइकिल के जरिए ही पहुंचा जा सकता है. आतंकियों की योजना है कि वे विदेशियों का अपहरण करेंगे और उन्हें रात के समय इन किराए के घरों तक पहुंचाएंगे ताकि किसी को इसकी भनक न लगे. बंदरगाह, हवाई अड्डे, ऑफिस और होटल जैसे स्थानों को टार्गेट किया जा सकता है. इसमें खासतौर पर उन इलाकों को शामिल किया गया है जहां विदेशी नागरिक अक्सर आते-जाते हैं.
कैसे ऑपरेट करता है ISKP?
इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) की एक क्षेत्रीय शाखा है, जिसकी स्थापना 2015 में हुई थी. यह संगठन मुख्य रूप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रिय है. 2014 में पूर्वी अफगानिस्तान में उभरने के बाद इस संगठन ने तेजी से अपनी क्रूरता के लिए कुख्याति हासिल की. हाल के वर्षों में हालांकि तालिबान और अमेरिकी सेनाओं के ऑपरेशनों के कारण इसकी ताकत में गिरावट आई है, लेकिन यह अब भी एक बड़ा खतरा बना हुआ है.
ISKP का खूनी इतिहास
ISKP ने कई बड़े आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया है. 2021 में, इस संगठन ने काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमला किया था, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों और कई अफगान नागरिकों की मौत हो गई थी. सितंबर 2022 में इसने काबुल में रूसी दूतावास पर आत्मघाती हमला किया था. हाल ही में, इस समूह ने ईरान में दोहरे बम धमाकों को अंजाम दिया, जिसमें करीब 100 लोगों की जान चली गई.
वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक, सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज ने अनुमान लगाया है कि आईएस-खोरासान ने 2017-18 में अफगानिस्तान-पाकिस्तान में नागरिकों पर लगभग 100 हमले किए और अमेरिकी-अफगान और पाकिस्तानी बलों पर 250 से अधिक हमले किए. विशेषज्ञों का मानना है कि आईएस-खोरासन आतंकी हमलों की जिम्मेदारी लेने में आगे रहा है, जिनमें से कुछ झूठे दावे भी हो सकते हैं. आईएस-खोरासन ने जिन आतंकी हमलों को अंजाम देने का दावा किया है, उनमें काबुल विश्वविद्यालय परिसर, अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में रॉकेट दागना शामिल है. अनुमान है कि आईएस-खोरासन के पास 1,500-2,000 लड़ाके हैं.
श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुआ था हमला
याद दिलाना होगा कि साल 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों पर हमला हो चुका है. सुरक्षा कारणों की वजह से ही भारत ने इस बार पाकिस्तान में मैच खेलने से इनकार कर दिया था. खुफिया एजेंसियों की चेतावनी के बाद कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में विदेशी क्रिकेट टीमों के खिलाड़ियों के साथ ही टीमों से जुड़े कोच, अफसर भी पहुंच हुए हैं, ऐसे में देखना होगा कि क्या पाकिस्तान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएगा?