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दिल्लीः JNU में बवाल के बाद सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ी

नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने सर्वर ठप रहने के कारण सेमेस्टर पंजीकरण प्रक्रिया की तारीख रविवार तक बढ़ा दी है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने एक बयान में कहा कि कुछ, “शरारती तत्वों” ने “अपना आंदोलन जारी रखने के तहत” विश्वविद्यालय के सूचना एवं संचार सेवा (सीआईएस) को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है।

उन्होंने बताया कि इसके चलते सीआईएस डेटा सेंटर तक आपूर्ति पूरी तरह बाधित है, ऑप्टिक फाइबर केबलों और सभी रेक की बिजली की तारों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है। कुमार ने बताया, “जेएनयू क्लाउड और अन्य सूचना एवं संचार प्रणाली पूरी तरह ठप पड़ गई है।

दिल्ली पुलिस ने दर्ज की FIR
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू परिसर में दंगा करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की। प्राथमिकी के अनुसार छात्र बढ़े हुए छात्रावास शुल्क के विरोध में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे। उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में किसी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।

शिकायत में कहा गया,‘‘रविवार को अपराह्न तीन बज कर 45 मिनट पर पुलिस निरीक्षक की अगुवाई वाली एक टीम को सूचना मिली कि पेरियार हॉस्टल में कुछ छात्र इकट्ठा हो गए हैं और उनके बीच झगड़ा हो रहा है। वे छात्रावास की इमारत में भी तोड़फोड़ कर रहे हैं।” पुलिस निरीक्षक की अगुवाई वाली यह टीम प्रशासनिक ब्लॉक में तैनात थी। जानकारी मिलने पर पुलिस निरीक्षक पेरियार हॉस्टल पहुंचे और उन्होंने देखा कि 40 से 50 लोग हाथों में डंडे लिए थे और छात्रों को पीट रहे थे, छात्रावास में तोड़फोड़ कर रहे थे। इनमें से कुछ के चेहरे ढंके हुए थे।

प्राथमिकी में आगे कहा गया,‘‘जेएनयू प्रशासन ने उन्हें विश्वविद्यालय के अंदर हिंसा को रोकने का आग्रह किया, जिसके बाद पुलिस परिसर के भीतर घुसी। अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को बुलाना पड़ा और छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की गई। पुलिस को हिंसा के संबंध में और पीसीआर कॉल प्राप्त हुईं।”

इसमें आगे कहा गया, ‘‘शाम सात बजे के करीब सूचना मिली कि साबरमती हॉस्टल में कुछ लोग घुस आए हैं और छात्रों को पीट रहे हैं। वहां 50 से 60 लोग हाथो में डंडे लिए हुए थे। उनसे तत्काल मारपीट बंद करने और परिसर से चले जाने को कहा गया, लेकिन उन्होंने इमारत में तोड़फोड़ जारी रखी और छात्रों के साथ मारपीट करते रहे। कुछ देर बाद वे भाग गए और घायल छात्रों को अस्पताल ले जाया गया।” अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।

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