दहल जाता अयोध्या, दर्द में होती काशी! दिल्ली में धमाका करने वालों के टारगेट पर थे मंदिर और अस्पताल, सबसे बड़ा आतंकी खुलासा

दिल्ली में धमाके के बाद एजेंसियों की जांच तेज है. 10 नवंबर को हुई घटना के बाद हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. जिन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है उन्होंने पूछताछ में कई राज उगले हैं. खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार आतंकियों के मॉड्यूल में उत्तर प्रदेश के मंदिर टारगेट पर थे. खासतौर पर अयोध्या और वाराणसी.
आतंकी अयोध्या में भी विस्फोट करना चाहते थे. इसके लिए गिरफ्तार हो चुकी डॉक्टर शाहीन ने अयोध्या के स्लीपर मॉड्यूल को एक्टिवेट भी कर रखा था. अयोध्या में ये सारे घटनाक्रम को अंजाम तक पंहुचाते उससे पहले मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ.
सूत्र के मुताबिक लाल किला में ब्लास्ट हड़बड़ी का नतीजा हो सकता है, क्योंकि अभी तक की जांच में विस्फोटक में टाइमर या किसी दूसरी चीजों का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
निशाने पर थे अस्पताल
आतंकियों से पूछताछ में ये भी पता चला है कि मॉड्यूल अस्पतालों को टारगेट करना चाहता था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान हो. इनकी हिट लिस्ट में अस्पताल और भीड़ भाड़ वाले स्थान थे.
सुरक्षा एजेंसियों के सामने अब क्या चुनौती?
दिल्ली में धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों के सामने 300 किलोग्राम के अमोनियम नाइट्रेट को बरामद करना है. सूत्रों की माने तो 2900 किलोग्राम विस्फोटक अब तक एजेंसियां बरामद कर चुकी हैं. लेकिन अभी भी 300 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद नहीं हुई है.
देश के कई हिस्सों में जो रेड चल रही है उसमे बड़ा एजेंडा ये भी है. गिरफ्तार आतंकियों तक ये विस्फोटक बांग्लादेश के रास्ते नेपाल और फिर हिंदुस्तान आया था. मतलब अभी भी खतरा पूरी तरह टला नहीं है और नेटवर्क से जुड़े कई लोग और हैं जिनको पकड़ने के लिए हरियाणा, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, यूपी और गुजरात में दबिश दी जा रही है.
ठाणे से हुई एक शख्स की गिरफ्तारी
उधर, महाराष्ट्र एटीएस ने दिल्ली ब्लास्ट मामले में एक युवक को हिरासत में लिया है. इब्राहिम आबदी नाम का युवक एटीएस की हिरासत में है. उसकी पत्नी ने कहा कि वो कॉलेज में प्रोफेसर रहे हैं. उन्होने 3 घंटे तक सर्च किया. कंप्यूटर का हार्डडिस्क और हमारे फोन को लेकर गए. हमारा आतंकवाद से कोई नाता नही है.






