ब्रेकिंग
भागवत का बयान तुष्टीकरण से प्रभावित, वो हिंदू धर्म के बारे में नहीं जानते: रामभद्राचार्य आधी आबादी पर केजरीवाल का पूरा दांव, साइलेंट वोटर करती हैं सत्ता डिसाइड, जानें किस प्रदेश में महिलाओं... ‘कोई मेरी लाडली को ढूंढ दो…’ डेढ़ महीने से गायब बेटी, पिता का छलका दर्द- न थाना सुन रहा, न अफसर उदयपुर में शादी के बंधन में बंधीं PV Sindhu, पहना ये खास लिबास, सामने आई तस्वीर 4 घंटे में 42 लॉकर काटे, करोड़ों के जेवरात उड़ाए; बैंक में चोरी करने वाले अपराधियों का एनकाउंटर पार्सल में आया बम, डिलीवरी लेते वक्त फटा; 2 लोग जख्मी मणिपुर में सुरक्षा बलों ने तेज की कार्रवाई, अलग-अलग सफल अभियानों में कई गोला-बारूद बरामद धक्का-मुक्की कांड: कल घायल सांसदों का बयान दर्ज कर सकती है क्राइम ब्रांच, CCTV फुटेज इकट्ठा करने की ... ‘बेशक कुछ लोगों ने…’, भुजबल की नाराजगी पर अब अजित पवार ने तोड़ी चुप्पी संगीता बलवंत ने नेहरू के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाने पर उठाए सवाल, कही ये बात

रूटीन मामलों में हो रहीं गिरफ्तारियां अंडर-ट्रायल कैदियों से भरी जेलें

नई दिल्ली । भारत को कभी भी एक ‘पुलिस स्टेट’ नहीं बनना चाहिए, जहां जांच एजेंसियां ​​औपनिवेशिक युग की तरह काम करें। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। अदालत ने केंद्र सरकार से बेल की ग्रांट को लेकर नया कानून बनाने पर विचार करने को कहा ताकि गैरजरूरी गिरफ्तारियों को लेकर क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में पारदर्शिता को बढ़ावा मिले। खास तौर से उन मामलों में जहां दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात साल की जेल का प्रावधान है। जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंद्रेश की बेंच ने इसे लेकर चिंता जताई कि देश में जेलें अंडर-ट्रायल कैदियों से भरी हुई हैं। पुलिस ने बहुत सारी गिरफ्तारियां रूटीन मामलों में की हैं। ऐसे में अदालतों का समय ‘निगेटिव सेंस’ में जमानत याचिकाओं की सुनवाई करने में ही गुजर रहा है। बेंच ने कहा भारत में आपराधिक मामलों में सजा की दर बहुत कम है। ऐसा मालूम होता है कि जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाते समय यह फैक्टर न्यायालय के दिमाग पर असर डालता है। अदालतें यह सोचती हैं कि दोषसिद्धि की संभावना बहुत कम है। जमानत याचिकाओं पर कानूनी सिद्धांतों के विपरीत सख्ती से निर्णय लेना होगा। सर्वोच्च अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों और राज्यों व केंद्र-शासित प्रदेशों की सरकारों से चार महीने में इस संबंध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से एक व्यक्ति की गिरफ्तारी से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहा था, जिस पर फैसला सुनाए जाने के दौरान ये दिशा-निर्देश जारी किए।

भागवत का बयान तुष्टीकरण से प्रभावित, वो हिंदू धर्म के बारे में नहीं जानते: रामभद्राचार्य     |     आधी आबादी पर केजरीवाल का पूरा दांव, साइलेंट वोटर करती हैं सत्ता डिसाइड, जानें किस प्रदेश में महिलाओं को कितना पैसा     |     ‘कोई मेरी लाडली को ढूंढ दो…’ डेढ़ महीने से गायब बेटी, पिता का छलका दर्द- न थाना सुन रहा, न अफसर     |     उदयपुर में शादी के बंधन में बंधीं PV Sindhu, पहना ये खास लिबास, सामने आई तस्वीर     |     4 घंटे में 42 लॉकर काटे, करोड़ों के जेवरात उड़ाए; बैंक में चोरी करने वाले अपराधियों का एनकाउंटर     |     पार्सल में आया बम, डिलीवरी लेते वक्त फटा; 2 लोग जख्मी     |     मणिपुर में सुरक्षा बलों ने तेज की कार्रवाई, अलग-अलग सफल अभियानों में कई गोला-बारूद बरामद     |     धक्का-मुक्की कांड: कल घायल सांसदों का बयान दर्ज कर सकती है क्राइम ब्रांच, CCTV फुटेज इकट्ठा करने की कवायद तेज     |     ‘बेशक कुछ लोगों ने…’, भुजबल की नाराजगी पर अब अजित पवार ने तोड़ी चुप्पी     |     संगीता बलवंत ने नेहरू के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाने पर उठाए सवाल, कही ये बात     |