नरसिंहपुर: पर्यावरण संरक्षण का दावा करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर्यावरण को बचाने में निष्क्रिय नजर आ रही है। सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला से लगे राजस्व वन क्षेत्र की शक्कर नदी व स्थानीय सूका नाले से स्थानीय रेत माफिया चोरी छिपे अवैध रेत खनन कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि स्थानीय ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए रेत के लिए तरसना व भटकना पड़ रहा है।क्षेत्र में सक्रिय अवैध रेत के कारोबारी खनन कर खरीददारों को ट्रेक्टर ट्रॉली से रेत सप्लाई कर रहे हैं। शिकायतों के बावजूद राजस्व, खनिज और वन विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है। अवैध खनन को रोकने और कार्रवाई करने की बजाए विभागीय अधिकारी रेत माफियाओं को समझाईश देने की बात कर रहे हैं। वह एक-दूसरे पर जिम्मेदारियां थप रहे हैं। वहीं वन विभाग से कार्रवाई का अधिकार नहीं होने के नियम बता दिए जाते हैं।खनिज विभाग की माने तो क्षेत्र में कहीं अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास व अन्य घरेलू कामों के लिए कभी कभार ग्रामीण आसपास के नालों से रेत निकाल लेते हैं। व्यवसायिक उपयोग के लिए क्षेत्र में कहीं भी रेत का अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है। पुलिस की बात की जाए तो स्थानीय आमगांव चौकी के पुलिसकर्मी व प्रभारी ने रेत माफियाओं को पकड़ने में भकोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है, लेकिन रेत माफियाओं के सूचना तंत्र मजबूत होने से पुलिस के हाथ खाली रह जाते हैं।
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