रोहतक: एसपी उदय सिंह मीनाहरियाणा के रोहतक के SP ने बच्चों को साइबर अपराधों से बचने के लिए हिदायत दी। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों में जानकारी के अभाव में बच्चे सबसे अधिक चपेट में आते हैं। इसलिए माता-पिता खुद साइबर अपराधों के प्रति जागरूक हों और बच्चों पर भी निगरानी रखें।SP उदय सिंह मीना ने कहा कि आज की डिजिटल सोशल मीडिया और तकनीकी ने जीवन को बहुत आसान बना दिया दिया। परिवार का हर सदस्य मोबाइल व इंटरनेट पर निर्भर हो गया है, इसके साथ-साथ बच्चे भी मोबाइल, इंटरनेट के सहारा ले रहे हैं। साइबर बुलिंग जैसे अपराधों से खुद को जागरूक करके बच्चों पर भी निगरानी रखनी होगी।डिजिटल दुनिया में साइबर अपराधों का खतरा बढ़ायह ध्यान रखना होगा कि बच्चे किसी साइबर अपराध का शिकार तो नहीं है, क्योंकि डिजिटल दुनिया में साइबर अपराध के शिकार का होने का खतरा बढ़ गया है। खासकर बच्चे नई-नई चीजों को सीखने की उत्सुकता में और कम समझ में इंटरनेट का प्रयोग करते हुए कुछ अनजान एप व वेबसाइटों पर अपनी जानकारी साझा करते हैं। इसलिए बच्चे साइबर अपराधियों के चंगुल में आसानी से फंस जाते हैं। साइबर अपराध की कम जानकारी के कारण सबसे ज्यादा बच्चे चपेट में आते हैं।ये बरतें सावधानी1. माता-पिता अपने बच्चों और उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें, ताकि वे डिजिटल मीडिया का सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकें।2. बच्चों के साथ ऑनलाइन सामग्री के प्रकार और जानकारी देनी चाहिए। अपने सोशल मीडिया अकाउंट को हमेशा लॉक करके रखें और प्राइवेसी सेटिंग रखें।3. बच्चों के द्वारा प्रयोग की गई सभी वेबसाइटों को देखें, जिनका प्रयोग बच्चा करता है। प्राइवेसी कंट्रोल सेट करने में बच्चों की सहायता करें और इसके बारे में बच्चो को जानकारी भी दें।4. बच्चों के अकाउंट ई-मेल तथा अन्य अकाउंट के पासवर्ड आदि अपने पास रखें उनको चेक भी करें।5. बच्चों को बताएं कि अपने अकाउंट को क्यों सुरक्षित रखा जाता और कैसे रखा जाता है। प्राइवेसी सेंटिग की भी जानकारी दें।6. बच्चों को साइबर कानूनों और अपराध के बारे में शिक्षित करें। इससे बच्चे में सोशल मीडिया और इंटरनेट के उपयोग को लेकर एक समझ बनती है। बच्चा सही और गलत के बीच अंतर करने में सक्षम होना चाहिए।7. फैसलों को बच्चों पर ना थौंपे और ना ही ज्यादा जोर जबरदस्ती करें। खुली चर्चा करें और उन्हें बताएं कि क्या गलत है और क्या सही।8. बच्चों के साथ प्यार से, दोस्ताना व्यवहार के साथ बातचीत करें। क्योंकि बच्चे डर की वजह से अपने साथ हुए अपराध के बारे में नहीं बताते।9. चाइल्ड पोर्नोग्राफी, साइबर बुलिंग तथा साइबर ग्रूमिंग जैसे अपराधों के बारे में खुद को जागरूक करें और बच्चों को भी इन प्रकार से अपराधों से बचने के लिए जागरूक करें।10. अगर साइबर अपराध हो तो डरे बिना पोर्टल www.cybercrime.gov.in व साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर अपनी शिकायत दें। साथ ही नजदीक पुलिस थानों/प्रत्येक थाना में नई स्थापित की गई साइबर डेस्क में शिकायत दर्ज करवाएं।
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