नगरीय निकाय चुनाव को लेकर मंगलवार को हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद प्रदेश सरकार ने जिस तरह से ओबीसी आरक्षण को लेकर अपना पक्ष साफ किया उससे तय है कि अब चुनाव अप्रैल या मई से पहले नहीं में हो पाएंगे। निकाय चुनाव कम से कम तीन महीने के लिए टल जाएंगे,आयोग की देखरेख में होगी ओबीसी आरक्षण देने की प्रक्रियाओबीसी आरक्षण के लिए सरकार आयोग गठित करेगी। आयोग की देखरेख में ओबीसी आरक्षण देने की प्रक्रिया तय की जाएगी।इसमें समय लगना तय है। हाईकोर्ट के निर्णय व सरकार के ताजा रुख के बाद निकाय चुनाव समय पर होना अब मुश्किल है।मौजूदा नगरीय निकायों के बोर्डों का कार्यकाल 12 दिसंबर से लेकर जनवरी अंत तक समाप्त हो रहा है।राज्य निर्वाचन आयोग को भी चुनाव कराने के लिए डेढ़ माह यानी 45 दिनों की जरूरत होती है, किंतु विशेष परिस्थितियों में आयोग ने 35-36 दिनों में चुनाव करा लेता है।वर्ष 2017 में भी आयोग ने 27 अक्टूबर को चुनाव की अधिसूचना जारी कर तीन चरणों में मतदान 22, 26 व 29 नवंबर को कराए थे।मतों की गिनती एक दिसंबर को हुई थी। यानी वर्ष 2017 में भी आयोग ने केवल 36 दिनों में चुनाव संपन्न कराया था।
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